बांसुरीवाला नाटक का मंचन

बांसुरीवाला नाटक का मंचन

 

पटना

अहसास कलाकृति पटना द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला के तहत तैयार प्रस्तुति परक हिन्दी नाटक "बांसुरीवाला" का मंचन पटना के जानता रोड, गर्दनीबाग स्थित जगदम्बा उत्सव हॉल में एस. एस. प्रिप्रेट्री स्कूल के छात्र छात्राओं ने किया। प्रकाश मनु लिखित इस नाटक का निर्देशन कुमार मानव ने किया।

   नाटक में दयालपुर गांव के बच्चों एवं बांसुरीवाला के बीच के प्रेम को दर्शाया गया है। वह बच्चो को बहुत प्रेम करता है और अक्सर दयालपुर आया करता है। वह बच्चों को बांसुरी की धुन बजाना सिखाता है और पेड़, पहाड़, जंगल की कहानियां सुनाता है और उसकी महत्ता के बारे में बच्चों को बताता है। एक दिन बच्चे, बांसुरीवाला से जिद्द करते हैं कि हमें भी पेड़ पहाड़ देखना है। बांसुरीवाला बच्चों को जंगल की सैर करने ले जाता है। वहां एक बाघ बच्चों पर हमला कर देता है। बांसुरीवाला अपनी जान पर खेल सभी बच्चों को बचाता है और घायल हो जाता है। दयालपुर के ग्रामीण बच्चों को न देखकर चिंतित होते हैं और बांसुरीवाला को भला बुरा कहते रहते हैं तभी बचें आकार पूरी बात बताते हैं। ग्रामीण बांसुरीवाल का इलाज करवाते हैं और दयालपुर में ही बस जाने की सलाह देते हैं। गांव वालों और बच्चे कि जिद्द पर बांसुरीवाला दयालपुर का होकर रह जाता है।

   नाटक में बांसुरीवाला का पात्र हिमांशु कुमार ने बखूबी निभाया। अन्य भाग लेने वाले कलाकार थे अंशु , रितेश, रिया कुमारी, आदित्य, बाघ की भूमिका शिवम राज, छवि, मनीष, आरती, लाली, रिया शर्मा, प्रिंस और आशीष।

   मानसी कुमारी का पार्श्व ध्वनि और संगीत संयोजन ने नाटक की दमदार प्रस्तुति में सहायक सिद्ध हुई। तथा रूप सज्जा माया कुमारी ने किया।

इस अवसर पर एम. एस. मेमोरियल एडुकेशन वेलफेयर सोसाइटी की ओर कला सांस्कृतिक पुरुष एव वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी "सन्त"  के हाथो नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में कुमार मानव, कंप्यूटर प्रशिक्षण में अभय कुमार, स्वास्थ्य में अमित कुमार, पत्रकारिता में आदित्य झा और जादूगर गणेश प्रसाद को अंग वस्त्र तथा स्मृति चिन्ह देकर पाटलिपुत्र गौरव अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।

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