
डीएम द्वारा लोक शिकायत के 19 मामलों की सुनवाई की गयी
लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक कर्मी को जिलाधिकारी ने किया निलंबित ----------------------------------------
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 19 जनवरी, 2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में एक कर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 19 मामलों की सुनवाई की गई। 17 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 02 मामलांे में अंतरिम आदेश पारित किया गया।
दरअसल अपीलार्थी श्री अलखदेव प्रसाद, पता-न्यू बाईपास रोड, अनीसाबाद, प्रखंड-पटना सदर, अनुमंडल-पटना सदर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया था। अपीलार्थी की शिकायत पटना सदर अनुमंडल कार्यालय, के लिपिक-सह-पेशकार की स्वेच्छाचारिता के विरूद्ध है। आवेदक श्री प्रसाद द्वारा आरोप लगाया गया था कि संबंधित पेशकार के द्वारा अनुमंडल दण्डाधिकारी के न्यायालय में बिहार बिल्ंिडग्स (लीज, रेंट एण्ड एविक्शन) कंट्रोल ऐक्ट के तहत ससमय अभिलेख उपस्थापित नहीं किया गया। जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि संबंधित लिपिक-सह-पेशकार द्वारा लोक शिकायत निवारण में लापरवाही एवं अनियमितता बरती गयी है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर द्वारा भी अपने प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया है कि पेशकार द्वारा एक पक्ष को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से अनुमंडल दण्डाधिकारी के आदेश में छेड़-छाड़ की गयी है। अनुमंडल पदाधिकारी ने यह भी प्रतिवेदित किया है कि कई बार प्रथम पक्ष के उपस्थित होने के बावजूद तथा प्रथम पक्ष द्वारा हाजिरी देने के बावजूद पेशकार द्वारा सुनवाई हेतु अनुमंडल दण्डाधिकारी के न्यायालय में अभिलेख नहीं रखा गया जिसकी वजह से वाद के निष्पादन में अनावश्यक देरी हुई है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या के समाधान में विलंब हुआ है। डीएम ने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा अपने नियंत्री पदाधिकारी के आदेश के उल्लंघन को प्रदर्शित करता है। जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण जिला स्थापना उप समाहर्ता, पटना को निदेश दिया गया कि संबंधित पेशकार को निलंबित करने का प्रस्ताव 24 घंटे के अंदर उपस्थापित करें। जिलाधिकारी के आदेश पर जिला स्थापना शाखा द्वारा तत्संबंधी प्रस्ताव उपस्थापित किया गया एवं जिलाधिकारी द्वारा संबंधित कर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि दोषी कर्मी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि लोक शिकायत निवारण में किसी भी तरह की शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।
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