*विशेष बातचीत:- पुलिस अधिकारी विकास वैभव से मनोज पांडेय कि बातचीत*
सी आर डी द्वारा आयोजित पुस्तक मेले में विशेष बातचीत कार्यक्रम के तहत पुलिस अधिकारी विकास वैभव से मनोज पांडेय ने बातचीत की. विकास वैभव ने शुरुवाती जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे पढ़ाई सात विधालयों से होकर गुजरी. मैंने हमेशा परिवर्तन को देखा. मुझे भोपाल में केंद्रीय विधालय में बिहारी कह कर मजाक उड़ाते थे. उसी समय मैंने तय किया कि मैं बिहार के सम्मान के लिए काम करूंगा. जब मैं नवीं क्लास का छात्र था उसी समय मैंने तय किया था देश कि उच्च शिक्षण संस्थान में पढ़ाई करूंगा. विकास वैभव ने बताया कि उनके छात्र जीवन में आई आई टी का पेपर बिहार से लिक हुआ था. उसी समय मैंने तय कि बिहार कि छवि को सुधारने के लिए काम करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं सत्य का हमेशा पालन करता हूँ.विकास वैभव ने कहा कि सभी व्यक्ति को महाभारत और विवेकानंद को पढ़ना चाहिए.
विकास वैभव ने बताया कि इच्छाशक्ति से इंसान कुछ भी कर सकता हैं. सामर्थ का सम्मान बिहार में शुरू से ही रहा हैं. मुझे जातिवाद से तकलीफ होती हैं. हम अपने पूर्वजो कि दृष्टि से काम कर बिहार को फिर से शिखर पर पहुंचा सकते हैं. उन्होंने बगहा और रोहतास जिले में अपने कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि ईमानदार प्रयास से कुछ भी किया जा सकता हैं l
आज मैं लेट्स बिहार इंस्पायर बिहार कि मुहीम चला रहा हूँ. युवाओं में उधमीत्ता कि भावना को जगा रहा हूँ. बिहार के हमसब मिलकर जात -पात से ऊपर उठकर विकसित बहार बना सकते हैं. अभी लेट्स इंस्पायर बिहार से 75हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं. अभी बेगूसराय से नमस्ते बिहार अभियान कि शुरुवात कि हैं.मेरा अभी राजनीति में जाने का लक्ष्य नहीं हैं. मैं बड़े उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ रहा हूँ.
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