*छठ पर बिहार जाने के लिए सूरत स्टेशन पर भगदड़ में 1 पैसेंजर की मौत 4 बेहोश: बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह अपने घर आने को मजबूर: प्रशांत किशोर*

*छठ पर बिहार जाने के लिए सूरत स्टेशन पर भगदड़ में 1 पैसेंजर की मौत 4 बेहोश: बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह अपने घर आने को मजबूर: प्रशांत किशोर*


*पटना:* दिवाली, छठ के मद्देनजर गुजरात के सूरत रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना में 4 लोग बेहोश हो गए और 1 पैसेंजर की मौत हो गई। इस घटना ने बिहार सरकार के पलायन रोकने के दावों की पोल खोल दिया, इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि क्या तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों से लोग बिहार में आकर मजदूरी कर रहे हैं? नहीं न? मगर बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह मजदूरी करने आ-जा रहे हैं। 


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना? नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं  या मनोवैज्ञानिक हैं? बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी कब खत्म हो जाएगी इस पर बात करते हैं। नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।

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