'स्पाइन समस्या वाले 100 मरीज में 90 का कारण गलत तरीके से बैठना'

'स्पाइन समस्या वाले 100 मरीज में 90 का कारण गलत तरीके से बैठना'

 

पटना।

आधुनिक युग में स्पाइन या रीढ़ की समस्या अधेड या बुजुर्ग लोगों से बढ़कर युवाओं में होने लगा है। बड़ी संख्या में युवा रीढ़ की समस्या का शिकार हो रहे हैं। उन्हें महीनों दवा खानी पड़ रही है और फिजियोथेरेपी करवानी पड़ रही है। युवा चाहें तो इस समस्या से आसानी से बच सकते हैं। इसके लिए बस उन्हें थोड़ा अपने उठने-बैठने की आदतों पर ध्यान देना होगा और साथ में लाइफस्टाइल में बदलाव लाना होगा। 

बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन  के पूर्व अध्यक्ष और प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ एके सिन्हा के अनुसार उनके पास यदि 100 स्पाइन समस्या के मरीज आते हैं तो 90 मरीज में समस्या का पास्चॉरल होता है अर्थात गलत तरीके बैठना। आज के युवा पढ़ाई के दौरान लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठते हैं। जिससे रीढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसी तरह लोग मोबाइल और लैपटॉप देर तक बने रहते हैं। बुजुर्ग उम्र की वजह से हड्डी कमजोर हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि आर्मी जवान की तरह बैठे। बिल्कुल सीधी। लैपटॉप थोड़ा र्ऊचाई पर रखें ताकि झुकना नहीं पड़े और मोबाइल पर अनावश्यक नहीं बने रहें। बुजुर्ग हड्डी मजबूत करनेवाली दवा लें। 


10-15 प्रतिशत मरीज में ही सर्जरी की जरूरत, स्पाइन सर्जरी में सर्जरी सफलता लगभग 100 प्रतिशत: डॉ महेश

स्पाइन सर्जन और वर्तमान में बिहार आर्थोपेडिक एसोसिएशन के सचिव प्रोफेसर डॉ. महेश प्रसाद के मुताबिक स्पाइन सर्जरी को लेकर लोगों में तरह तरह की गलत धारणाएं हैं। इसे दूर किया जाना जरूरी है। यदि डॉक्टर अनुभवी और अच्छे हैं तो स्पाइन सर्जरी लगभग 100 प्रतिशत सफल है। इसलिए स्पाइन से जुड़ी समस्या होने पर सही डॉक्टर के पास पहुंचाना जरूरी है। पीएमसीएच इसमें बहुत काम कर रहा है। गरीब मरीजों का मुफ्त में स्पाइन सर्जरी हो रही है। स्पाइन से जुड़ी समस्या होने पर सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत मरीजों में ही सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है बाकि लोगों का दवा और व्यायाम से ही मर्ज ठीक हो जाता है।

हाथ-पैर में ताकत कम होना स्पाइन समस्या के लक्षण:

डॉ महेश प्रसाद के मुताबिक कमर और गर्दन में दर्द, पैैर में झिनझिनाहट, दर्द दोनों हाथ और पैर में फैलना, बटन लगाने के लिए ताकत और संतुलन नहीं होना, किसी चीज को पकड़ने में ग्रिप नहीं बनना, चलने में लड़खड़ाहट आदि स्पाइन में समस्या के लक्षण होते हैं। यदि ऐसा कोई लक्षण दिखे तो अच्छे स्पाइन सर्जन से दिखाना चाहिए। 

लो बैक पेन की समस्या ज्यादा: डॉ. महेश प्रसाद के मुताबिक पीएमसीएच में तीन तरह के मरीज स्पाइन से जुड़े ज्यादा आते हैं; 60 से 70 प्रतिशत लो बैक पेन, ट्रामा से रीढ़ चोटिल होना और रीढ़ की हड्डी में टीबी। कभी कभी रीढ़ में ट्यूमर के भी मरीज आते हैं। मजदूर वर्ग में स्लीप डिस्क की समस्या काफी देखने को मिलती।

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