![जातिगत जनगणना मामले पर पी.एम.ओ. गुनाहगार है और आर.एस.एस. के दायरे से बाहर नहीं निकल रहा है- डाॅ0 मनोज कुमार झा जातिगत जनगणना मामले पर पी.एम.ओ. गुनाहगार है और आर.एस.एस. के दायरे से बाहर नहीं निकल रहा है- डाॅ0 मनोज कुमार झा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhnce2yYoQ_9PtsKqEOePj5_HwzVrYJQdMWhxflSSB1mMMDJaNx5RbckHKRHCmXJSqSBdtxkWjHSFXXhZExJlXM011Ls_DZGE2Kl6FjgcvGTXbu76Enby-yJgKePios2UA7ibb-o6O5NRgQLLHQyZf9XsVjw8JzIuehkPdvYEYPM8xldlD1TngxMpHYcyQ/s320/IMG-20230827-WA0079.jpg)
जातिगत जनगणना मामले पर पी.एम.ओ. गुनाहगार है और आर.एस.एस. के दायरे से बाहर नहीं निकल रहा है- डाॅ0 मनोज कुमार झा
पटना 27 अगस्त 2023
राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता डाॅ0 मनोज कुमार झा ने संवादादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय गुनाहगार हैै। जब जातिगत जनगणना कराने के मामले में बिहार के प्रतिनीधिमंडल प्रधान मंत्री से मिलने गया उसके बाद से नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे रहे। और पी.एम.ओ. आर.एस.एस. के सोच के दायरे से बाहर नहीं निकल पा रही है। जहां मंडल कमीशन के रिर्पोट 1931 के जनगणना के अनुसार 52 प्रतिशत पिछडों की आबादी थी जिसमें 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई क्योंकि इन्दिरा साहनी की रिर्पोट के आधार पर 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं देने का लक्ष्मण रेखा था।
इन्होने आगे कहा कि आबादी के अनुरूप आरक्षण की व्यवस्था के लिए आकड़ो का होना आवश्यक है। इसके लिए बिहार ने जातिगत जनगणना के मामले पर पहल की और आकड़े ईकठे करने का कार्य शुरू किया लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की भुमिका से युथ फाॅर इक्वालिटी समता मुलक समाज की अवधारणा से लोगों को दूर रखना चाहती थी। और इस संस्था को हाई कोर्ट में मामला को ले जाकर रूकवाया जब ये मामला हाई कोर्ट से रूका, तो भाजपा कार्यालय में मिठाईया बंटी। इस मामले में पैरवी के लिए मुकुल रोहतगी को किसने खडा किया ये सबको पता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के ईशारे पर इन्होनें इसका विरोध किया। साथ ही सोलिस्टर जनरल तुषार मेहता के द्वारा इस मामले में जो बाते रखी गई ये जन आकांक्षा की बडी लकीर को कुन्द करने की साजिश है, जबकि सामाज अपना अधिकार चाहता है। लेकिन केन्द्र सरकार ने जो कार्य किया वो जनआकांक्षा के खिलाफ है।
मनोज झा ने आगे कहा कि सरकार का काम झुनझुना बजाना या नाम बदलना नहीं होता है। सरकार का काम होता हैं जनता के प्रति प्रतिबद्धता लेकिन उसके खिलाफ जा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इन सारे साजिशों के पिछे लगे रहे जिस दिन से सोलिसिटर जेनरल तुषार मेहता सामने से आ गये तो अब लगता है कि इस मामले में फ्रंट डोर से इसका विरोध किया जा रहा है। हर जातियों के दस्तावेज हमारे बजट योजना और नीतियों का आधार होगा जो लोगों को हक और अधिकार देने में मदद करेगा। इन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के द्वारा हर राज्यों में ऐसी व्यवस्था के पक्ष में है जो लोगों को हक और अधिकार दे जिस तरह की केन्द्र के द्वारा साजिश चल रही है उससे ऐसा लगता है कि राजनीति के माध्यम से संविधान को कुन्द और कतल करने की योजना है और इसमें पी.एम.ओ. भी शामिल है। भाजपा के बौद्धिक क्षमता पर सक होता है। सभी आंकडों को क्लेक्ट करने के बाद उसे काॅलेक्ट किया जाता है कई उपजातियों के समुह में रखकर जारी होगें और दुध का दुध और पानी का पानी कर दिया जायेगा।
इन्होंने आगे कहा कि मुजफ्फर नगर में जिस तरह से मुस्लिम बच्चे पर टीचर के द्वारा जहर का बीज बोया गया और बच्चो से पिटवाकर मानसिक प्रताडना दी गई ये सभी कहीं न कहीं टेलीविजन पर शाम होते ही जो नुमाईस की जाती है और जिस तरह से धर्म के नाम पर जहर का बीज बोया जाता है ये उसी का नतीजा है। हम सभी को इसके खिलाफ मिलकर देशहित में खडा होना होगा।
इन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय जनता दल का कार्यालय विस्तार नियामानुकुल हो रहा है। इसपर सवाल उठाने वाले भाजपा नेताओं को इस बात का जबाब देना चाहिए कि नोट बंदी के समय पुरे देश भर में फाईव स्टार भाजपा कार्यालय कैसे बना और इसपर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। इनकी सोच पर तरस आती है। भाजपा के लोग मनो रोग से ग्रसित है।
इस अवसर पर संवादादाता सम्मेलन में प्रदेश राजद अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह, राष्ट्रीय महासचिव श्री श्याम रजक, बिन्नू यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वृषिण पटेल, राष्ट्रीय प्रवकता प्रेा0 नवल किशोर यादव, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता एजाज अहमद, अजय कुमार सिंह, ऋषि मिश्रा सहित अनेक गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।
0 Response to " जातिगत जनगणना मामले पर पी.एम.ओ. गुनाहगार है और आर.एस.एस. के दायरे से बाहर नहीं निकल रहा है- डाॅ0 मनोज कुमार झा"
एक टिप्पणी भेजें