सलौना स्टेशन पर विभिन्न एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत पहले दिन आयोजित धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण संपन्न हो गया

सलौना स्टेशन पर विभिन्न एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत पहले दिन आयोजित धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण संपन्न हो गया


बखरी। सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति के बैनर तले बृहस्पतिवार को सलौना स्टेशन पर विभिन्न एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत पहले दिन आयोजित धरना कार्यक्रम शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। धरना की अध्यक्षता समीर सिंह चौहान ने की, जबकि संचालन विकास वर्मा ने किया।

धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति के बैनर तले लंबी दूरी के ट्रेनों की ठहराव की मांग को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन का आगाज़ हो चुका है। यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलाया जाएगा और जब तक ट्रेनों का स्टाॅपेज नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि सलौना स्टेशन पर लंबी दूरी के ट्रेनों के स्टाॅपेज की मांग काफी पुरानी है। पूर्व में कई स्तरों पर और विभिन्न मंचों से यह मांग बेगूसराय के सांसद द्वय व रेलवे के अधिकारियों से की गई, लेकिन सांसद द्वय और रेलवे के अधिकारियों ने सलौना स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांगों को अनसुना कर चुके हैं। इसलिए इस बार आंदोलन को निर्णायक अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। 

 वक्ताओं ने कहा कि सलौना स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव इसलिए जरूरी है कि सलौना स्टेशन बेगूसराय जिला अंतर्गत बखरी अनुमंडल मुख्यालय का एकमात्र महत्वपूर्ण स्टेशन है। भौगोलिक रूप से यह स्टेशन तीन जिला बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर के बार्डर पर स्थित है। लिहाजा लाखों की आबादी इस स्टेशन से जुड़ी हुई है, जो देश के विभिन्न महानगरों व शहरों में रोजी-रोटी, कमाई, पढ़ाई, रोजगार, व्यापार, कारोबार की तलाश में आते-जाते रहते हैं। लेकिन लंबी दूरी के ट्रेनों का ठहराव सलौना स्टेशन पर नहीं होने के कारण उन्हें 30 से 63 किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे जिलों में जाकर वही ट्रेन पकड़ना पड़ता है जो ट्रेन सलौना स्टेशन होकर गुजरती है। हर लिहाज से सलौना स्टेशन लंबी दूरी के ट्रेनों के ठहराव की अहर्ता को पूरा करता है। सलौना 107 साल पुराना ऐतिहासिक  हेरिटेज स्टेशन है, जिसके महत्व को उस समय की ब्रिटिश हुक्मरानों ने भी समझा था और 25 साल पहले तक छोटी लाइन में यह स्टेशन काफी महत्वपूर्ण था और सभी एक्सप्रेस ट्रेनें यहां रूकती थी। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि बड़ी लाइन होने के बाद से इस स्टेशन होकर गुजरने वाले ट्रेनों की संख्या ना सिर्फ कम हो गई है बल्कि

एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव भी बंद कर दिया गया। बखरी क्षेत्र की बढ़ती आबादी और घटती रेल सुविधा के खिलाफ अब क्षेत्र के लोग चुप नहीं बैठेंगे और अपना हक और अधिकार लेकर रहेंगे। चाहे इसके लिए दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के आवास का घेराव ही क्यों ना करना पड़े।

इन लोगों ने किया धरना को संबोधित

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धरना को सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति के समीर सिंह चौहान, विकास वर्मा, राजेश अग्रवाल, रघुनंदन महतों, जयशंकर जायसवाल, मो. अलीराज, राजू कुशवाहा, संतोष साहू, श्रवण साहू, मो. शमीम, रणधीर सिंह मिंटू, इंदिरा परमार, जयदेव सान्याल, तुफैल अहमद खान, विपिन राम, मो. अदलेगीर, दिलीप पोद्दार, बबन पासवान, कुमार निशांत वर्मा, सुमित राजवंश, कौशल किशोर क्रांति समेत बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने संबोधित किया।


सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति की ये है मांगें

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धरना उपरांत सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति ने सलौना स्टेशन के प्रबंधक के माध्यम से मंडल रेल प्रबंधक समस्तीपुर को सौंपे ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रखी हैं। इसमें नई दिल्ली न्यू जलपाईगुड़ी (12523/24) एक्सप्रेस, न्यू जलपाईगुड़ी उदयपुर सिटी (19601/02) एक्सप्रेस, कर्मभूमि एक्सप्रेस (12407/08), कटिहार-नई दिल्ली 15705 व 15706 (हमसफर एक्सप्रेस ) और सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस (15531/32) का सलौना स्टेशन पर ठहराव करने की मांग रेल मंत्रालय और बेगूसराय के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से की है। इसके साथ जमालपुर-खगड़िया डेमू ट्रेन (03474/76 एवं 03473/75) का समस्तीपुर स्टेशन तक तथा  सियालदह-सहरसा हाटे बाजार (13169/70) एक्सप्रेस का समस्तीपुर स्टेशन तक विस्तार करने की मांग की है। वहीं खगड़िया - समस्तीपुर रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और सहरसा- पाटलिपुत्र जनहित एक्सप्रेस का रूट परिवर्तित कर खगड़िया से वाया सलौना स्टेशन ठहराव देते हुए हसनपुर, रोसड़ा, समस्तीपुर होकर पाटलिपुत्र जंक्शन करने की मांग की है।



20 जून को जल सत्याग्रह

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सलौना रेल यात्री संघर्ष समिति ने लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण में आगामी 20 जून को जल सत्याग्रह करने का ऐलान किया है। समिति के सदस्यों ने धरना स्थल पर ही कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा कि 20 जून को नौ बजे दिन से सलौना स्टेशन के निकट आशा पोखर में जल सत्याग्रह की घोषणा की है।

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