बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रतिनिधि मंडल पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज मामले में नगर डीएसपी से मिला*
*मामले को गंभीरता से देखते हुए उचित जांच कर दोषमुक्त करने का दिया आश्वासन* : डीएसपी
*थाना अध्यक्ष पत्रकारों पर मामला दर्ज करने से पहले पूरी तरह अनुसंधान करे* : महासचिव
पटना : दैनिक भास्कर के वरिष्ठ फोटोग्राफर आशीष गुप्ता के साथ भूमाफिया द्वारा गाली गलौज करने तथा धमकी देने और फर्जी मुकदमा दर्ज करने को लेकर आज नगर डीएसपी अशोक कुमार से बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित पत्रकार के साथ मिला। जहां यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा डीएसपी के सामने पूरे मामले को रखा गया जिसे सुनने के बाद नगर पुलिस उपाधीक्षक अशोक कुमार के द्वारा उचित जांच करते हुए पीड़ित पत्रकार को दोष मुक्त करने का आश्वासन दिया गया।
बताते चलें कि दैनिक भास्कर पटना में कार्यरत वरिष्ठ फोटोग्राफर आशीष गुप्ता अपने कार्यालय में थे तभी उनके घर पर भू माफियाओं के द्वारा पत्थरबाजी की गई जिसमें उनकी मां घायल हो गई मामले की जानकारी मिलते ही पत्रकार के द्वारा नजदीकी थाने को सूचना दिया गया तथा चोटिल मां के साथ थाने पहुंच पीड़ित पत्रकार ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। मामला दर्ज होने के बाद भू माफिया के द्वारा भी फर्जी तरीके से मारपीट, छेड़खानी और चेन छीनने की बात बता कर पत्रकार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवा दिया।
अपने खिलाफ फर्जी मामला दर्ज होने को लेकर पीड़ित पत्रकार के द्वारा बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन में लिखित शिकायत की गई। जिसको लेकर यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिन्हा ने महासचिव मुकुंद कुमार सिंह को पूरे मामले की जांच कर मदद करने की बात कहीं। वही महासचिव के द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए यूनियन के प्रतिनिधिमंडल उपाध्यक्ष आफताब आलम, पटना जिला महासचिव प्रेम कुमार, पटना जिला उपाध्यक्ष अमलेन्दु मिश्रा, सदस्य बाल कृष्ण ,निशिकांत ,जयप्रकाश, के साथ नगर डीएसपी से मुलाकात किया जहां पूरे मामले से डीएसपी को अवगत करवाया गया ।मामला समझने के बाद डीएसपी ने यह आश्वासन दिया कि अगर फर्जी तरीके से मामला दर्ज किया गया है तो उसकी जांच कर दोष मुक्त किया जाएगा।
थाना अध्यक्ष पत्रकारों पर मामला दर्ज करने से पहले पूरी तरह अनुसंधान करे : मुकुंद कुमार सिंह
बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के महासचिव मुकुंद कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ अगर कोई मामला आता है तो थाना अध्यक्ष पहले अनुसंधान करें और अनुसंधान में दोषी पाए जाने के बाद मामला दर्ज करें । जिस तरीके से पत्रकार आशीष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है यह अनुसंधान का विषय था अगर सही ढंग से अनुसंधान होता तो यह मामला दर्ज नहीं होता। इस तरीके के मामले दर्ज होने के बाद भू माफिया और अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ जाता है जो निंदनीय है।
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