विश्वकर्मा समाज की प्रलय एवं निर्माण शिक्षक के   हाथों में है : मुकुल आनंद

विश्वकर्मा समाज की प्रलय एवं निर्माण शिक्षक के हाथों में है : मुकुल आनंद


पटना (28 मई, 2023) : रविवार को बेद नगर स्थित होटल बुद्धा रेजीडेंसी में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की तत्ववधान में विश्वकर्मा समाज की शिक्षक और प्रोफेसरों की बैठक आहूत की गई। बैठक की अध्यक्षता राजेंद्र पुष्कर एवम संचालन दिवाकर शर्मा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार विश्वकर्मा उर्फ मुकुल आनंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. रामराज्य शर्मा एवम विशिष्ट अतिथि में प्रो. अमिताभ रंजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में बिहार के सभी जिलों से विश्वकर्मा समाज के शिक्षाविद, विधान परिषद जीवन कुमार के छोटे भाई ज्योति कुमार, प्रो. अंकित कुमार, प्रो. सुरेश कुमार निराला, प्रो. उमाशंकर शर्मा, डॉक्टर राकेश रंजन, प्रो. रत्नेश शर्मा, रंग लाल शर्मा, जितेंद्र ठाकुर, कुंज बिहारी शर्मा, बिनोद शर्मा, सुजाता शर्मा, मीना शर्मा सहित कई शिक्षक और प्रोफेसर भाग लिए। कार्यक्रम में आए हुए सभी विद्वानों का महासंघ के द्वारा अंगवस्त्रम एवम पुष्पहार से सम्मानित किया गया। महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार उर्फ मुकुल आनंद ने कहा वर्तमान परिदृश्य में विश्वकर्मा समाज के सामने सामाजिक, शैक्षणिक एवम आर्थिक मुद्दों पर दक्ष प्रश्न है। जिसका निदान केवल आप विद्वत जनों के सहारे हो सकता है। किसी भी समाज के निर्माण में शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जैसा की चाणक्य ने स्पष्ट कहा है शिक्षक कभी साधारण नही होता है, प्रलय और निर्माण उनके गोद में पलते है। किसी भी समाज की सामाजिक, आर्थिक एवम सांस्कृतिक विकास उस समाज की शिक्षा पर निर्भर करता है इसलिए आज विश्वकर्मा समाज के समक्ष कई प्रश्न है आखिरकार विश्वकर्मा समाज की कैसी व्यवस्था होनी चाहिए जो हमारे समाज के अनुकूल हो।विविधता और असमानता वाले विश्वकर्मा समाज को कैसे समावेशी बनाया जाए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महासंघ के प्रदेश महासचिव दिवाकर शर्मा ने कहा भारतीय विश्वकर्मा महासंघ बढ़ई, लोहार, सोनार, कसेरा, ठठेरा एवम कुम्हार विश्वकर्मा के पांचों पुत्रों को एक जूट करने की मुहिम चलाया है। विश्वकर्मा वंशज को उचित प्रतिनिधित्व व सामाजिक स्तर पर सम्मान शिक्षा की बढ़ावा से ही संभव है।वो कार्य अपलोगो को आगे आने से ही संभव है। क्योंकि शिक्षक एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपराएं और तकनीकी कौशल पहुंचाने का केंद्र है और सभ्यता के प्रकाश को प्रज्वलित रखने में सहायक है। बैठक में उपस्थित महासंघ के पदाधिकारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, सीतामढ़ी के जिला अध्यक्ष भिखारी शर्मा, दरभंगा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, बैशाली जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, प्रो. बी के शर्मा, विद्या प्रकाश शर्मा, सुनील शर्मा, कुंज बिहारी शर्मा, बासुदेव शर्मा सहित सैकड़ों लोग रहे।

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