कालिदास रंगालय में शुरू हुआ तीन दिवसीय "त्रिवेणी नाट्य महोत्सव"  धर्मेश मेहता के निर्देशन में नाटक "बलि" का सफल मंचन

कालिदास रंगालय में शुरू हुआ तीन दिवसीय "त्रिवेणी नाट्य महोत्सव" धर्मेश मेहता के निर्देशन में नाटक "बलि" का सफल मंचन


पटना (25 मई, 2023) : राजधानी के कालिदास रंगालय में गुरुवार को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से माध्यम फाउंडेशन पटना द्वारा तीन दिवसीय त्रिवेणी नाट्य महोत्सव - 2023 का शुभारंभ किया गया। महोत्सव का उद्घाटन कला समीक्षक विनोद अनुपम, समाजसेवी शंकर मेहता, अभय सिन्हा, मिथलेश सिंह, किरणकांत वर्मा आदि वरिष्ठ रंगकर्मियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। त्रिवेणी नाट्य महोत्सव की शुरुआत नुक्कड़ नाटक सिक्यूयॉरिटि गार्ड की बहाली, कुमार उदय के निर्देशन रंग समूह ने किया। उसके बाद महिला एवं बाल विकास संस्था द्वारा लोक नृत्य ओम प्रकाश, राधा सिन्हा एवं कुमार उदय सिंह द्वारा किया गया। तदुपरांत माध्यम फाउंडेशन द्वारा धर्मेश मेहता के निर्देशन में नाटक "बलि" का सफल मंचन किया गया। सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, कहानीकार, कवि, नाटककार, फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता गिरीश कारनाड की अनेकों अनमोल कृति में से एक अनमोल कृति नाटक "बलि" है जो मुल कन्नड़ नाटक का हिन्दी अनुवाद है। बलि का हिन्दी अनुवाद पदमश्री रामगोपाल बजाज ने किया है जो महान रंगकर्मी हैं, साहित्कार और नाटककार हैं।


"बलि" नाटक का कहानी इस प्रकार है :-


नाटक "बलि" का विषय वस्तु पशु बलि है जो भारतीय समाज में मनोकामना प्राप्ति हेतु दिये जाने वाली पशुओं की ष्बलि प्रथा पर आधारित है। इस नाटक दो धर्मों के मान्यताओं के बिच अर्न्तद्वंद को दिखलाया गया है। जहाँ हिन्दू धर्म को प्रतिनिधित्व कर रही राजा की माँ पशुओं की बलि उचित मानती है, वहीं जैन धर्म का प्रतिनिधित्व कर रही राजा की पत्नी पशु बलि तो दूर की बात है आटे के पुतले से बनी पशु बलि का भी विरोध करती है और कहती है वास्तविक हिंसा तो मानसीकता में है, उसे स्वच्छ करने की जरूरत है और इनसब के बीच राजा द्वंद में पड़ा रहता है। अंततः नाटक में रानी दो धर्मों के कर्मकाण्डों से परेशान होकर अपनी बलि दे देती है। इस नाटक के सभी पात्र अपनी-अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु संघर्ष करते दिखाई पड़ते हैं। मौजूदा समय में यह नाटक इसलिए जरूरी है कि मौजूदा समय में नैतिक ईमानदारी का अभिप्राय सिर्फ उसको सिद्ध कर देने भर से होता है।


इस नाटक में भाग लेने वाले कलाकार इस प्रकार है :-


निर्देशक - धर्मेश मेहता, लेखक - गिरीश कारनाड,  हिंदी रुपानतरण - रामगोपाल बजाजा, संगीत - अक्षय कुमार यादव, सेट - सुनील शर्मा, मंच प्रभारी - राकेश कुमार, सहायक - रणधीर सिंह, कॉस्टुम - मोहम्मद सदरुद्दीन, मिना देवी, प्रोपर्टी - चित्रा प्रिया, सहयोग - नगेन्द्र, अरविन्द, कुणाल सिकंद, मेकअप - मनोज मयंक, अंजू कुमारी, लाइट - उपेन्द्र कुमार, मिडिया सह प्रभारी - रास राज


पात्र परिचय - राजा - अभिषेक कुमार, रानी - तन्नु कुमारी, राजमाता - सोनल कुमारी, महावत - बिक्रांत कुमार ।

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