पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश
पटना, शुक्रवार, दिनांक 19.12.2025ः अध्यक्ष, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने अधिकारियों को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में जिला पशु क्रूरता निवारण सोसाईटी की बैठक में पदाधिकारियों तथा कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन इस उद्देश्य के प्रति सजग एवं तत्पर है। कानून का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाए। जिला पशु क्रूरता निवारण समिति इसकी निगरानी कर प्रभावी ढ़ंग से अनुपालन सुनिश्चित करे।
इस बैठक में सदस्य सचिव, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति-सह-जिला पशुपालन पदाधिकारी, पटना द्वारा आज की बैठक में एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि विगत लगभग एक वर्ष में वाहनों द्वारा क्रूरतापूर्वक ले जा रहे 89 पशुओं को पकड़ा गया है। साथ ही पशु क्रूरता निवारण नियमों एवं अधिनियम के अंतर्गत 11 पशु तस्करों/लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण हेतु सभी स्टेकहोल्डर्स को सक्रिय एवं तत्पर रहना होगा। पुलिस, सिविल सोसाईटी सहित आम जनता को इसके प्रति सेंसिटाईज करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों में उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि पशु क्रूरता निवारण के क्षेत्र में अत्यंत सक्रिय तथा समर्पित सदस्य हैं। जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रखंडों से सक्रिय तथा जमीनी स्तर पर काम करने वाले संस्थाओं एवं व्यक्तियों को समिति से जोड़ने का निदेश दिया ताकि प्रावधानों का उल्लंघन करने वालो की सूचना अचूक रूप से प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर थाना प्रभारी तथा प्रखंडों एवं अंचलों के अधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे एवं आवश्यकतानुसार विधि-सम्मत कार्रवाई करेंगे।
जिलाधिकारी ने सभी प्रखंडों, अनुमण्डलों तथा जिला मुख्यालयों में पशु हाटों, पशु अस्पतालों तथा भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण, पशु राहत एवं पशु परिवहन की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित की गयी है। अब समय आ गया है कि हम इन मूक जानवरों पर अत्याचार करना बंद करें। वे भी जीवित प्राणी हैं एवं हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके बिना पूरा पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा। हमे जन-जन को जागरूक करना चाहिए तथा जानवरों के खिलाफ क्रूरताओं को रोकना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पशुओं का बुरी तरह से रख-रखाव करना, ज्यादा बोझ डालना, बीमार या कम उम्र के पशुओं से काम लेना इत्यादि पशु क्रूरता के अर्न्तगत आता है। पशुओं के भी कुछ सामान्य अधिकार है। हमें सभी प्राणियों के प्रति करूणा एवं सहानुभूति रखनी चाहिए। किसी भी पशु को मारना, घायल करना या लावारिस छोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि जिला पशु क्रूरता निवारण समिति बीमार पशुओं की चिकित्सा की उचित व्यवस्था सरकारी अस्पतालों के माध्यम से करेगी। पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु जन-जागरूकता उत्पन्न करने के लिए लोगों को बैनर/पोस्टर के माध्यम से आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएगी तथा नियमित तौर पर सेमिनार एवं गोष्ठी करेगी।
जिलाधिकारी ने प्रावधानों के अनुसार नियमित तौर पर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति, कार्यकारिणी समिति तथा आम सभा की बैठक बुलाने का निदेश दिया।
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