आरटीई के तहत वर्ष 2011 से लंबित बकाया राशि के भुगतान को लेकर बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार एवं शिक्षा सचिव श्री बी. राजेंद्र से मुलाकात।

आरटीई के तहत वर्ष 2011 से लंबित बकाया राशि के भुगतान को लेकर बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार एवं शिक्षा सचिव श्री बी. राजेंद्र से मुलाकात।

 आरटीई के तहत वर्ष 2011 से लंबित बकाया राशि के भुगतान को लेकर बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन की शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार एवं शिक्षा सचिव श्री बी. राजेंद्र से मुलाकात।

बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव श्री बी. राजेंद्र से मुलाकात कर आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत वर्ष 2011 से लंबित निजी विद्यालयों की बकाया राशि के भुगतान से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा।

संगठन द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि आरटीई के अंतर्गत निजी विद्यालयों ने सरकारी निर्देशानुसार बच्चों का नामांकन लिया, किंतु पटना जिले के किसी भी निजी विद्यालय को आज तक एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। वर्ष 2011 से ही भुगतान की बात होती रही है, परंतु अब तक राशि निर्गत नहीं हुई।

वर्ष 2024 में सरकार दवारा यह घोषणा की गई कि वर्ष 2019 से आरटीई से संबद्ध सभी निजी विद्यालयों को भुगतान किया जाएगा। इसके लिए वि‌द्यालयों से आवश्यक कागजात लिए गए, सत्यापन की प्रक्रिया भी पूरी हुई, लेकिन इसके बावजूद आज तक किसी भी विद्यालय को राशि का चेक निर्गत नहीं किया गया। केवल आश्वासन ही मिलता रहा, परंतु योजना को व्यावहारिक रूप से लागू नहीं किया गया। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिर किन कारणों से यह योजना लंबित या स्थगित कर दी गई। अब पुनः शैक्षणिक सत्र 2026-27 के लिए आरटीई के अंतर्गत नामांकन प्रक्रिया शुरू की जा रही है। निजी विद्यालयों पर नामांकन लेने का दबाव बनाया जाएगा, परंत् उनके लंबित भुगतान को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा रहा है। हाल ही में शिक्षा सचिव श्री बी. राजेंद्र से हुई बातचीत में भी उन्होंने इस विषय पर "देखने" की बात कही, परंतु कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया।

स्थिति यह है कि आरटीई से संबद्ध निजी वि‌द्यालयों को बच्चों का नामांकन लेना अनिवार्य है, उन्हें यूनिफॉर्म, पुस्तकें एवं अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करानी हैं, लेकिन वर्षों से भुगतान न होने के कारण विद्यालयों की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो चुकी है। सरकारी आदेशों में यह उल्लेख किया जाता है कि निजी विद्यालयों को राशि दी जाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि पटना के किसी भी निजी विद्यालय को

आज तक एक पैसा भी प्राप्त नहीं हुआ है। इस गंभीर विषय पर कोई ठोस चर्चा या समाधान नहीं किया गया है।
 एसोसिएशन सरकार से मांग करती है कि आरटीई के अंतर्गत निजी विद्यालयों की समस्त लंबित बकाया राशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित किया जाए, ताकि विद्यालय आर्थिक संकट से उबर सकें और सम्मानपूर्वक बच्चों का नामांकन लेकर उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं सभी आवश्यक सुविधाएँ प्रदान कर सकें।

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