जेपी का था सपना - नया बिहार हो अपना

जेपी का था सपना - नया बिहार हो अपना

जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 12 अक्तूबर  :: 

अखिल भारतीय लोकतंत्र सेनानी संघ के समारोह में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की जयंती के अवसर पर एक बार फिर ‘संपूर्ण क्रांति’ की भावना गूंज उठी। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद कैलाश सोनी ने इस अवसर पर कहा कि जेपी ने जिस संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था, वह केवल सत्ता परिवर्तन का आंदोलन नहीं था, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प था। आज भी वह सपना अधूरा है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस अधूरे सपने को साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।

कैलाश सोनी ने कहा कि आज लोकतंत्र में जनशक्ति को जगाने की आवश्यकता है। जेपी के आदर्शों पर आधारित राजनीति ही सच्चे अर्थों में जनता के अधिकारों की रक्षा कर सकती है। उन्होंने बताया कि मोदी शासन में भ्रष्टाचार पर जिस सख्ती से कार्रवाई की जा रही है, वह जेपी की भावना के अनुरूप है। आज दर्जनों भ्रष्ट राजनेता, आईएएस, आईपीएस और बड़े अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे हैं या कानून के शिकंजे में फंसे हुए हैं। यह बदलाव उस क्रांति की दिशा में एक ठोस कदम है, जिसकी नींव जयप्रकाश नारायण ने रखी थी।

कार्यक्रम में संगठन के बिहार प्रभारी अशोक सिंघई ने सभी लोकतंत्र सेनानियों से आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए भारत के निर्माण में सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने कहा कि जेपी का सपना केवल राजनीतिक परिवर्तन नहीं है, बल्कि सामाजिक समानता, आर्थिक स्वावलंबन और नैतिक प्रशासन का प्रतीक था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह ने की। उन्होंने कहा कि जेपी सेनानियों का सम्मान केवल संवैधानिक अधिकार नहीं है, बल्कि सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकारें इस दिशा में और ठोस कदम उठाएंगी।

मध्य प्रदेश से आए राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने संगठन की आर्थिक सुदृढ़ता पर जोर देते हुए कहा कि जब संगठन मजबूत होगा, तभी जेपी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा। बिहार प्रदेश महासचिव अरुण कुमार ठाकुर ने कहा कि जेपी सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानियों की तरह सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जेपी सेनानियों की पेंशन दोगुनी किए जाने पर आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कदम जेपी की विरासत को सम्मानित करता है।

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र मिश्र, संगठन के सचिव विजय कुमार सिंह, एलिस श्यामनाथ सिंह, महेंद्र प्रसाद गुप्ता, सुरेंद्र ठाकुर तथा जेपी के सहयोगी लक्षण देव सिंह सहित कई गणमान्य लोगों ने अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार को जेपी के विचारों के अनुरूप एक ऐसा राज्य बनाना है, जो भ्रष्टाचार, भय और भेदभाव से मुक्त हो।
समारोह में उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि जेपी के आदर्शों के अनुरूप एक सशक्त, स्वाभिमानी और आत्मनिर्भर बिहार का निर्माण ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। “जेपी का था सपना, नया बिहार हो अपना” यह नारा कार्यक्रम के अंत में गूंज उठा और जेपी की संपूर्ण क्रांति की भावना को फिर एक बार जीवंत कर गया।
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