राष्ट्र की बेटी जूही को सलाम ,बेगूसराय में मिला सम्मान
भारत के भारत की आजादी के सेनानायक शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर वीरों की धरती बेगूसराय में राष्ट्रकवि दिनकर सेवा दल के द्वारा एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के उत्कृष्ट समाजसेवियों को एवं देश के चुनिंदा अच्छे समाजसेवियों को आमंत्रित करके सम्मानित किया गया !
इस अवसर पर दिव्यांगों के जीवन को दिव्य बनाने में सदैव आगे बढ़ कर कार्य करने वाली संस्था ब्रेली इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग पटना की सचिव कुमारी जूही सिन्हा को भी सम्मानित किया गया !
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को जो 18 वर्ष से ज्यादा और जिनका 45 किलो से ऊपर वजन है उन्हें अपने जीवन में काम से कम एक बार रक्तदान करने का अनुभव जरूर प्राप्त करना चाहिए ! उन्होंने खुद के बारे में कहा कि मैंने अभी तक 17 बार रक्तदान किया है !
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि एक सशक्त समाज के निर्माण के लिए दिव्यांगों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना हम सब की जिम्मेदारी है और हमें उनके सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहिए !
भारत के भारत की आजादी के सेनानायक शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर वीरों की धरती बेगूसराय में राष्ट्रकवि दिनकर सेवा दल के द्वारा एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के उत्कृष्ट समाजसेवियों को एवं देश के चुनिंदा अच्छे समाजसेवियों को आमंत्रित करके सम्मानित किया गया !!
इस अवसर पर दिव्यांगों के जीवन को दिव्य बनाने में सदैव आगे बढ़ कर कार्य करने वाली संस्था ब्रेली इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग पटना की सचिव कुमारी जूही सिन्हा को भी सम्मानित किया गया !
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर स्वस्थ व्यक्ति को जो 18 वर्ष से ज्यादा और जिनका 45 किलो से ऊपर वजन है उन्हें अपने जीवन में काम से कम एक बार रक्तदान करने का अनुभव जरूर प्राप्त करना चाहिए ! उन्होंने खुद के बारे में कहा कि मैंने अभी तक 17 बार रक्तदान किया है !
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि एक सशक्त समाज के निर्माण के लिए दिव्यांगों और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना हम सब की जिम्मेदारी है और हमें उनके सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहिए !
*सम्मान का क्षण* में भावुक होते हुए जूही ने संबोधित कर लोगे को बताया कि जब मैं बचपन में थी तब से आज का दिन मेरे लिए अविस्मरणीय है। मुझे सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया है, और यह मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है।
मुझे याद है जब मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी, तो मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ती रही।
आज, मुझे मेरे कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए सम्मानित किया गया है। यह मेरे लिए एक बड़ा पुरस्कार है, और मैं अपने परिवार, दोस्तों और गुरुजनों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की।
यह सम्मान न केवल मेरे लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह मेरे समुदाय और समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
अब, मैं और भी अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित हूं। मैं अपने समुदाय और समाज के लिए और भी अधिक योगदान करने के लिए तत्पर हूं।
आज का सम्मान समारोह मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। मैं अपने सम्मान के लिए आभारी हूं और आगे भी अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ती रहूंगी।
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