सरकार द्वारा मत्स्य क्षेत्र को डिजिटल रूप देने के लिए ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ (एनएफडीपी) शुरू किया गया हैं।

सरकार द्वारा मत्स्य क्षेत्र को डिजिटल रूप देने के लिए ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ (एनएफडीपी) शुरू किया गया हैं।

सरकार द्वारा मत्स्य क्षेत्र को डिजिटल रूप देने के लिए ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ (एनएफडीपी) शुरू किया गया हैं। इस प्लेटफॉर्म से क्षेत्र के असंगठित मत्स्य कृषकों को अलग पहचान मिल रहा है और उन्हें सरकारी योजनाओं का डायरेक्ट लाभ भी मिल रहा है।

मत्स्य कृषकों के द्वारा बिहार में असंगठित क्षेत्र को सुव्यस्थित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

पटना 15 सितंबर।

राज्य में मछली उत्पादन को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजन का लाभ मत्स्य कृषकों को दिया जा रहा है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मत्स्य प्रभाग के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर मत्स्य कृषकों को संगठित, समृद्ध और सशक्त बनाने तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए योजनान्तर्गत नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन.एफ.डी.पी) पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
इस योजनान्तर्गत बिहार में मत्स्य कृषकों को मत्स्य पालन में तरक्की का सुनहरा अवसर मिल रहा है। अब SHGs, छोटे उद्दमों, सहकारी समितियों और मत्स्य किसान संगठनों को 35 प्रतिशत तक प्रदर्शन अनुदान (Performance Grant) एन.एफ.डी.पी. प्रोटल के माध्यम से दिया जा रहा है। एन.एफ.डी.पी के जरिए मछली पालकों और सहकारी समितियों की सदस्यों कों ट्रेनिंग, वित्तिय जानकारी और योजना बनाने में मदद दी जा रही है। इस पर रजिस्ट्रेशन कर मछुआरों अपनी डिजिटल पहचान पत्र प्राप्त कर रहे है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के विभिन्न घटकों के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एन.एफ.डी.पी. पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के अंतर्गत एन.एफ.डी.पी. के माध्यम से मछुआरों, मत्स्य पालकों और सहायक श्रमिकों को पंजीकरण के द्वारा असंगठित श्रेत्र को सुव्यवस्थित किया जा रहा है। इससे जुड़ने के लिए इच्छुक व्यक्ति या संगठन https://nfdp.dof.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं और विस्तृत जानकारी जिलों के जिला मत्स्य कार्यलयों से भी प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य में अब तक 1.39 लाख से अधिक मत्स्य पलकों के द्वारा एन.एफ.डी.पी पर पंजिकरण किया जाना इस बात का प्रमाण है कि बिहार इस डिजिटल बदलाव को तेजी से अपना रहा है एवं मत्स्य पालन को उद्यम के रूप में स्थापित करने एवं मत्स्य कृषकों को खुशहाल करने की दिशा की ओर अग्रसर है।

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