राहुल-तेजस्वी की वोट अधिकार यात्रा महज राजनीतिक नौटंकी - जद (यू)
अगर चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं तो सांसदी एवं विधायकी से इस्तीफा दें राहुल-तेजस्वी -जद (यू0)
पटना, 18 अगस्त 2025
जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्री अभिषेक झा एवं मीडिया पैनलिस्ट श्री किशोर कुणाल ने संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा पर करारा प्रहार किया और कहा कि यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा के नाम पर एक राजनीतिक नौटंकी मात्र है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी और राजद के राजकुमार तेजस्वी यादव जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन में आज कोई भी दल तेजस्वी यादव को नेतृत्व की ड्राइविंग सीट पर बिठाने को तैयार नहीं है, लेकिन जबरन वे खुद को नेता घोषित करने पर तुले हैं। राहुल गाँधी जी के बिहार दौरे पर सवाल उठाते हुए प्रवक्ताओं ने कहा कि उन्हें बिहार के बुनियादी मुद्दों और विकास से कोई लेना-देना नहीं, बल्कि उनका मकसद सिर्फ कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करना और राजद के लिए चुनौती बनकर खड़ा होना है।
राहुल गाँधी के उत्तर भारत को सतही राजनीति वाला क्षेत्र वाले बयान का उल्लेख करते हुए पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार की जनता यह भूलने वाली नहीं है। बिहार के लोग राहुल गाँधी और उनके गठबंधन को लोकतांत्रिक जवाब देंगे। प्रवक्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी जिस 1300 किमी की यात्रा पर निकले हैं, उसमें उन्हें हर जिले में नीतीश कुमार जी की सरकार के विकास कार्य ही नजर आएंगे। बेहतर सड़कें, बिजली की उपलब्धता और सुरक्षा की स्थिति इस बात का सबूत है कि बिहार कितना बदल चुका है। अगर लालू-राबड़ी शासन काल की स्थिति होती तो राहुल गाँधी बिहार में घूम ही नहीं पाते।
चुनाव आयोग को लेकर विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि विपक्ष एक तरफ चुनाव आयोग पर कठपुतली होने का आरोप लगाता है और दूसरी तरफ उन्हीं चुनावों से जीतकर सांसद व विधायक भी बनता है। जब हार का डर सताता है तो चुनाव आयोग पर ठीकरा फोड़ना विपक्ष की दोहरी नीति है। उन्होंने राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्हें सचमुच चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है तो उन्हें अपनी संसदीय और विधायकी सीट से इस्तीफा देना चाहिए। वोटर लिस्ट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि औसतन एक बूथ पर 70-80 नामों की कटौती हुई है, जिनमें मृतक, विस्थापित या दो जगह पंजीकृत मतदाता शामिल हैं। विपक्ष इन तथ्यों की पड़ताल करने की बजाय बेवजह शोर मचाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। यह वही मानसिकता है जैसे कोई कमजोर विद्यार्थी परीक्षा से पहले बहाने बनाने लगे।
प्रवक्ताओं ने कहा कि वोट अधिकार यात्रा असल में कांग्रेस बचाव यात्रा और राजद की वोटरों को ठगने की योजना है। विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाकर विपक्ष सिर्फ सनसनी फैलाने और लोकतांत्रिक संस्थानों की छवि धूमिल करने का काम कर रहा है। इस दौरान उन्होंने साल 2005 की एक घटना की भी याद दिलाई, जब कांग्रेस-राजद ने मिलकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों को शपथ लेने से रोककर बिहार की जनता के अधिकार का अपहरण किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक और दुर्भाग्यपूर्ण ठहराया था। पार्टी ने कहा कि विपक्ष आज भी उसी मानसिकता से काम कर रहा है। मतदाता अधिकार की बात करने से पहले कांग्रेस और राजद को बिहार से माफी मांगनी चाहिए।
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