दिव्य कला मेले के तीसरे दिन भारतीय पुनर्वास परिषद तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ऑफलाइन प्रारंभ हुआ।
पटना: भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम द्वारा पटना के गांधी मैदान में चल रहे दिव्य कला मेले के तीसरे दिन भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा अनुमोदित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ऑफलाइन सीआरई कार्यक्रम (सतत पुनर्वास शिक्षा) सफलतापूर्वक प्रारंभ हुआ।
यह सीआरई कार्यक्रम विकलांगता पुनर्वास के क्षेत्र में पुनर्वास पेशेवरों के ज्ञान और कौशल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सीआरसी पटना (एनआईएलडी, कोलकाता के प्रशासनिक नियंत्रण में) द्वारा संचालित किया जा रहा है। पहले दिन (25.08.2025) कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन *डॉ. ललित नारायण, निदेशक, एनआईएलडी, कोलकाता* द्वारा *डॉ. प्रवीण कुमार, नोडल अधिकारी, सीआरसी पटना* और सीआरसी पटना के समर्पित कर्मचारियों की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया।
सीआरसी पटना के विशेषज्ञों द्वारा कुल छह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें शामिल हैं: डॉ. अनिल कुमार, सहायक प्रोफेसर (नैदानिक मनोविज्ञान), सुश्री चंद्रमाला सौर्य, स्पीच थेरेपिस्ट, सुश्री मोनिका सिंह, भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) दुभाषिया, श्री रोहित चंद, आईएसएल प्रशिक्षकसत्रों में विविध महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जैसे: भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) की मूल बातें, आईएसएल का प्रदर्शन और व्यावहारिक अनुप्रयोग
श्रवण, वाणी और भाषा संबंधी विकलांगताओं वाले व्यक्तियों के लिए तंत्रिका-विकासात्मक विकारों की पहचान और मूल्यांकन तथा नवीन अभ्यास पहले दिन बिहार भर से कुल 139 पुनर्वास पेशेवरों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
प्रतिभागियों ने बताया कि ये सत्र अत्यधिक जानकारीपूर्ण, समृद्ध और अभ्यास-उन्मुख थे, जिन्होंने उनकी व्यावसायिक समझ को बढ़ाया और उन्हें विकलांग व्यक्तियों की अधिक प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए नवीन दृष्टिकोणों से लैस किया।
प्रतिभागियों ने बताया कि ये सत्र अत्यधिक जानकारीपूर्ण, समृद्ध और अभ्यास-उन्मुख थे, जिन्होंने उनकी व्यावसायिक समझ को बढ़ाया और उन्हें विकलांग व्यक्तियों की अधिक प्रभावी ढंग से सेवा करने के लिए नवीन दृष्टिकोणों से लैस किया।
0 Response to "दिव्य कला मेले के तीसरे दिन भारतीय पुनर्वास परिषद तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ऑफलाइन प्रारंभ हुआ।"
एक टिप्पणी भेजें