पटना समाहरणालय में जिला जनता दरबार का आयोजन, जिलाधिकारी ने 80 परिवादियों के पास स्वयं जाकर उनकी समस्याएं सुनी
अनेक मामलों का ‘ऑन द स्पॉट' निष्पादन
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पदाधिकारीगण *पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं संवेदनशीलता के साथ जन–शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान करें: ज़िलाधिकारी ने दिया निदेश*
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पटना, गुरूवार दिनांक 28.08.2025
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पटना समाहरणालय में जिला जनता दरबार कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने 80 परिवादियों के पास स्वयं जाकर उनकी समस्याएं सुनी तथा समाधान हेतु पदाधिकारियों को निर्देशित किया। अनेक मामलों का ‘ऑन द स्पॉट' निष्पादन किया गया।
आवेदक नंदकिशोर यादव न्यू पाटलिपुत्र, रोड नंबर 3 E, पटना द्वारा राजस्व गांव मैनपुरा का जमाबंदी संख्या 7765/1991-92 को ऑनलाइन के सम्बन्ध में आवेदन दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी, पाटलिपुत्र को नियमानुसार त्वरित गति से कार्यवाही करते हुए आवेदन को निष्पादित करने का निर्देश दिया गया।
आवेदक मालती देवी, ग्राम हरनाथचक पोस्ट वारा, थाना भगवानगंज,पटना द्वारा अतिक्रमण हटाने के सम्बन्ध में आवेदन दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी, मसौढ़ी को नियमानुसार त्वरित गति से कार्यवाही करते हुए मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया गया।
एक आवेदिका ने ससुराल के सदस्यों द्वारा प्रताड़ित करने एवं जान से मारने की धमकी के संबंध में आवेदन दिया। जिलाधिकारी द्वारा वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना को विधिवत एवं त्वरित गति से आवश्यक कार्रवाई हेतु आवेदन अग्रसारित किया गया।
आवेदक सरिता देवी, अशोक नगर रोड नंबर 8, कंकड़बाग, पटना द्वारा छत न ढालने देने के सम्बन्ध में आवेदन दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर को नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।
एक शिक्षिका ने विद्यालय आने-जाने के क्रम में कुछ लड़कों के द्वारा अभद्र टिप्पणी करने तथा विद्यालय परिसर की दीवारों पर धमकी भरे मैसेज लिखने के बारे में जानकारी दी।जिलाधिकारी द्वारा वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना को विधिवत एवं त्वरित गति से आवश्यक कार्रवाई हेतु आवेदन भेजा गया। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, मसौढ़ी को असामाजिक तत्वों के विरूद्ध विधिवत कड़ी कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने सभी शिकायतों पर संबंधित पदाधिकारियों को शीघ्र विधिवत कार्रवाई कर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन देने का आदेश दिया। उन्होने कहा कि अगर किसी पदाधिकारी द्वारा जान-बूझकर मामले को लंबित रखा जाता है तो उसके विरूद्ध कठोर अनुशासनिक एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि *पदाधिकारीगण जनहित के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। पारदर्शिता, उत्तरदायित्व एवं संवेदनशीलता के साथ जन–शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान* करें।
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