पहली बार रोबोटिक सर्जरी से 17 सेमी का फाइब्रॉइड महिला के पेट से निकाला गया
पारस एचएमआरआई ह़ास्पिटल, पटना में पहली बार रोबोटिक तकनीक का उपयोग से एक बड़े फाइब्रॉइड गर्भाशय को स्त्री रोग विशेषज्ञ *डॉ. स्मिता सिंह* और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक निकाला। पुनाईचक, पटना की रहनेवाली रीता कुमारी (बदला हुआ नाम) को फायब्राइड की समस्या थी। 17 सेंटीमीटर के गर्भाशय को निकालने में जहां पेट के अधिकांश भाग में चीरा लगाना पड़ता वहीं, पारस एचएमआरई हॉस्पिटल के डाक्टरों की टीम ने महज 5 - 12 एम.एम. के चार छोटे-छोटे चीरे लगाकर सर्जरी कर दी। महिला बिल्कुल स्वस्थ है और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।
डॉ. स्मिता सिंह ने बताया कि इतने बड़े ट्यूमर को रोबोटिक सर्जरी की मदद से आसानी से निकाला गया। एक ओर जहां कम चीरा लगा, वहीं ब्लड लॉस भी कम हुआ। उन्होंने बताया कि इसमें नवीनतम विश्वस्तरीय तकनीक से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ, कम दर्द, कम संक्रमण का खतरा, जल्दी काम पर वापसी और अस्पताल में कम समय तक रहने की मरीजों को सुविधा मिल रही है।
हॉस्पिटल के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि बिहार में स्त्री रोग संबंधी सर्जरी के एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ बड़े और चुनौतीपूर्ण गर्भाशयों को छोटे चीरों के माध्यम से सुरक्षित रूप से निकाला जा सकता है। रोबोटिक तकनीक से इतने बड़े गर्भाशय की पहली बार सर्जरी की गई है।
*पारस एचएमआरआई के बारे में*
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।
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