
विपक्ष का काला कपड़ा विरोध लोकतंत्र का अपमान: डॉ. दिलीप जायसवाल
*बिहार का आम मतदाता डरने वाला नहीं है, वह चाहता है साफ-सुथरी वोटर लिस्ट: डॉ. दिलीप जायसवाल*
*विपक्ष को मुद्दों की राजनीति करनी चाहिए, न कि ड्रामेबाज़ी*
*जनता ने जिन्हें नकार दिया है और वे अब सड़कों पर नाटक कर रहे हैं- प्रदेश अध्यक्ष*
पटना, 22 जुलाई 2025: बिहार विधानसभा में आज विपक्ष द्वारा काला कपड़ा पहनकर किए गए प्रदर्शन और निरंतर हंगामे की भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का अधिकार सभी को है, लेकिन सदन को बाधित करना और कामकाज न होने देना जनादेश का अपमान है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष का यह व्यवहार न सिर्फ सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह बिहार की जनता के साथ भी अन्याय है। जिन मुद्दों को विपक्ष उठाने का दावा कर रहा है, उनके समाधान के लिए संवाद और बहस की जरूरत है, न कि नारेबाजी और अराजकता की।
उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे “बैकडोर NRC और “मतदाता वंचना” जैसे आरोपों को निशाना बनाते हुए कहा कि विपक्ष जानबूझ कर SIR प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश में लगे हुए हैं, जबकि वोटर लिस्ट में कोई भी नाम कट नहीं रहा है। बिहार के आम नागरिकों का नाम बिल्कुल सुरक्षित है।
भाजपा अध्यक्ष ने चुनाव आयोग का समर्थन करते हुए कहा कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में 88-पृष्ठ की शपथ-पत्र में स्पष्ट किया है कि SIR के दौरान किसी नागरिक की नागरिकता समाप्त नहीं होगी, केवल वोटर लिस्ट की सच्चाई पर कार्यवाही होगी।
डॉ. दिलीप जायसवाल ने विपक्ष के आरापों को खंडन करते हुए कहा कि एसआईआर (विशेष पुनरीक्षण) प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पारदर्शी रूप से जारी है। इसमें केवल मृत, डुप्लीकेट या फर्जी दस्तावेज़ वाले नाम ही हटाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं चुनाव आयोग को प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी है। इसके बावजूद विपक्ष भ्रामक बयानबाज़ी कर जनता को गुमराह करने की निंदनीय कोशिश कर रहा है।
भाजपा और एनडीए सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का कार्य कर रही है और विपक्ष की ऐसी नकारात्मक राजनीति का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।
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