प्रशांत किशोर को गरीबों के संघर्ष की समझ नहीं – माले

प्रशांत किशोर को गरीबों के संघर्ष की समझ नहीं – माले


पटना, 23 जुलाई 2025

माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा और संगठन के राज्य अध्यक्ष व पूर्व विधायक मनोज मंजिल ने प्रशांत किशोर द्वारा विपक्ष पर किए गए तंज पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें बिहार में गरीबों और मेहनतकश जनता के चल रहे संघर्षों की ज़मीनी हकीकत की कोई समझ नहीं है.

नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 94 लाख महागरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये देने की जो घोषणा की गई है, उसे लागू करवाने की दिशा में सबसे पहले भाकपा-माले और उसके जनसंगठनों ने ही पहल की.

‘हक दो – वादा निभाओ’ अभियान के तहत संगठन ने राज्यभर में धारावाहिक आंदोलनों की शुरुआत की, गरीबों के आय प्रमाण पत्र बनवाने की लड़ाई लड़ी, और वास-अधिकार व भूमिहीनों के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर सदन से लेकर सड़क तक लगातार संघर्ष किया. लेकिन इन तमाम आंदोलनों और प्रयासों को प्रशांत किशोर पूरी तरह नजरअंदाज़ कर रहे हैं.

नेताओं ने आगे कहा कि पहले तो प्रशांत किशोर कहते थे कि आंदोलन से कुछ नहीं होता, और अब जब अचानक उनकी नींद खुली है, तो कम से कम उन्हें अपना होमवर्क कर लेना चाहिए था. बिहार और यहां के जनसंघर्षों की गहराई को समझे बिना बयान देना उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है.

अंत में उन्होंने सवाल उठाया कि आज जब बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है और लाखों गरीबों व प्रवासी मजदूरों के वोट के अधिकार पर संकट खड़ा हो गया है, उस पर प्रशांत किशोर चुप क्यों हैं? क्या यह चुप्पी उनके राजनीतिक चरित्र को उजागर नहीं करती?

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