14 जून को नेशनल सर्जिकल वीक के तहत पारस एचएमआरआई में जुटेंगे बिहार के प्रसिद्ध चिकित्सक

14 जून को नेशनल सर्जिकल वीक के तहत पारस एचएमआरआई में जुटेंगे बिहार के प्रसिद्ध चिकित्सक

• एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, बिहार चैप्टर और पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना की ओर से होगा आयोजन
• बिहार के प्रमुख सर्जन किए जाएंगे सम्मानित, सेमिनार में सर्जरी पर होगी विस्तार से चर्चा
पटना।
एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, बिहार चैप्टर और पारस एचएमआरआई, पटना की ओर से 14 जून को पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में नेशनल सर्जिकल वीक के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बिहार के प्रतिष्ठित सर्जन भाग लेंगे। इस बात की जानकारी पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में सर्जरी विभाग के निदेशक और एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष *डॉ एए हई* ने एक प्रेस कांफे्रंस में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम 3:30 बजे शाम में आयोजित किया जाएगा। इसमें बिहार के प्रसिद्ध सर्जन व चिकित्सक डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ. आर. एन सिंह, डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह, डॉ. विद्यापति चौधरी, डॉ. विजय प्रकाश, डॉ मंजू गीता मिश्रा, पटना के सिविल सर्जन डॉ लखीन्द्र प्रसाद, डॉ जरीन रहमान, डॉ शांति राय, डॉ. प्रमिला मोदी और डॉ. सहजानंद को सम्मानित भी किया जाएगा।
 डॉ. हई ने बताया कि सर्जरी के क्षेत्र में हो रहे नित नए अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकों के मदद से अब यह काफी आसान हो गया है। प्रीसाइज सर्जरी (सटीक सर्जरी) के कारण अब इसमें सुरक्षा भी बढ़ गई है। पहले सर्जरी जटिल होती थी और ठीक होने में लंबा समय लेती थी, लेकिन अब लैप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी की मदद से पैसा और समय दोनों की बचत हो रही है। हम लोगों ने बिहार मे पहला बोनमैरो ट्रांसप्लांट शुरु किया, 60 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किया और अब बहुत जल्द लिवर ट्रांसप्लांट भी शुरु करने जा रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल के *जोनल डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल सर्जरी के क्षेत्र में नई-नई मशीन के उपयोग से सटीक रिजल्ट देने के लिए प्रतिबद्ध है। दुनिया में जितनी भी अत्याधुनिक तकनीक है जैसे रोबोटिक सर्जरी, इंडोस्कोपिक सर्जरी, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी या ओपन सर्जरी वह हॉस्पिटल में उपलब्ध है साथ ही बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में चिकित्सकों के योगदान को चिन्हित करना जरूरी है। जिन चिकित्सकों को सम्मानित किया जाएगा, उनका पटना और बिहार के चिकित्सा क्षेत्र में असीमित योगदान है। ऐसे लोगों को सम्मानित कर के पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल खुद को गौरवान्वित महसूस करेगा।

*पारस एचएमआरआई के बारे में* 
पारस एचएमआरआई पटना ने 2013 में परिचालन शुरू किया। यह बिहार का पहला कॉर्पोरेट अस्पताल है जिसके पास परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड द्वारा लाइसेंस प्राप्त कैंसर उपचार केंद्र है। जून 2024 में एक्सेस किए गए एनएबीएच पोर्टल के अनुसार, पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना 2016 में एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने वाला बिहार का पहला अस्पताल था। 30 सितंबर 2024 तक इस अस्पताल की बेड क्षमता 350 बेडों की है, जिसमें 80 आईसीयू बेड शामिल हैं।

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