जिलाधिकारी ने स्वच्छता मानकों  की समीक्षा एवं उसमें सुधार लाने का निर्देश दिया

जिलाधिकारी ने स्वच्छता मानकों की समीक्षा एवं उसमें सुधार लाने का निर्देश दिया

जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक
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पटना जिला में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा हैः जिलाधिकारी 
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पटना, शनिवार, दिनांक 10.05.2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं सात निश्चय के तहत कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में भी इस क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण/लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के प्रथम एवं द्वितीय चरणों में विगत 10 वर्षों में 5.15 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण हुआ है। भूमिहीन परिवारों एवं अस्थायी आबादी के लिए अबतक 142 सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के तहत घर-घर से ठोस अपशिष्ट का उठाव, संग्रहण एवं निष्पादन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, धूसर जल एवं मलिन जल का समुचित निष्पादन तथा मलयुक्त कीचड़ प्रबंधन संबंधी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। ठोस अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु अभी तक 221 ग्राम पंचायतों में कचड़ा प्रबंधन इकाई (डब्ल्यूपीयू) का निर्माण किया जा चुका है। ग्राम पंचायतों में निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण केन्द्रों पर अबतक 29,000 किलोग्राम जैविक खाद का निर्माण किया गया है जिससे स्थानीय किसान लाभांवित हो रहे हैं। तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु पटना जिला में 7,667 से अधिक सामुदायिक सोकपिट का निर्माण किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव की समस्या को दूर करने एवं सुचारू तरल कचड़ा प्रबंधन के लिए 6,256 से अधिक जंक्शन चैम्बर, 2,062 से अधिक नाली आउटलेट प्वाईंट का निर्माण कराया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट के समुचित निष्पादन हेतु प्रखंड/अनुमंडल स्तर पर 9 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण किया गया है जहाँ 38,054 किलोग्राम प्लास्टिक कचड़े को प्रसंस्कृत किया गया है। कृषि एवं पशु अपशिष्ट के निपटान हेतु जिला स्तर पर बायोगैस उत्पादन के लिए गोबर-धन योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत धनरूआ में एक गोबरधन इकाई का निर्माण किया गया है। इसके संचालन में एजेंसी द्वारा अभिरूचि नहीं ली जा रही है। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करने काली सुची में डालने हेतु प्रस्ताव का निर्देश दिया। 
मलयुक्त कीचर प्रबंधन के लिए जिला में तीन फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने कहा कि पटना जिला में सम्पूर्ण स्वच्छता की काफ़ी बेहतर स्थिति है। यहाँ 1153 गाँव समुदाय द्वारा ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है। गाँवों में सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए किए जा रहे कार्यों एवं घर-घर से कचड़े का उठाव, साफ-सफाई इत्यादि सुविधाओं की निरंतरता के लिए लोग स्वेच्छा से उपयोगिता शुल्क दे रहे हैं। पटना जिला में अबतक 118.60  लाख रुपये से अधिक की उपयोगिता शुल्क की राशि संग्रहित की गई है। 

जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के तहत गाँवों एवं सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई अभियान, बिहार हमारा गौरव, स्वच्छता हमारी पहचान, एक दिया स्वच्छता के नाम, गंगा ग्रामों में गंगा उत्सव, दिवाल चित्रण, स्वच्छता चौपाल इत्यादि गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इसके माध्यम से समुदायों को अपने गाँव को ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने के लिए जन-भागीदारी, अपशिष्ट प्रबंधन के उपायों को अपनाने एवं उपयोगिता शुल्क दिए जाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
आज के कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी, निदेशक डीआरडीए, जिला समन्वयक, जिला सलाहकार, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, अन्य जिला-स्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। 

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