जातीय जनगणना लालू जी के दूर दृष्टि सोच और समाजिक न्याय की जीत है, तेजस्वी प्रसाद यादव
हमारी लड़ाई विधानसभा और लोकसभा में पिछड़ी अति पिछड़ा के लिए सीटें आरक्षित किए जाने तक जारी रहेगी: तेजस्वी प्रसाद यादव
पटना 30 अप्रैल 2025
आज अपने आवास पर नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जातीय जनगणना कराने के प्रति केंद्र सरकार ने जो सहमति व्यक्ति की है ,यह लालू जी के दूर दृष्टि सोच और समाजिक न्याय के प्रति समाजवादी विचारधारा के नेताओं की सोच की जीत है ,और लालू प्रसाद जी ने जो इस लड़ाई को 1996 से शुरू किया था उसको आज केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लालू जी के शोषितों ,वंचितो, पिछड़ों ,अति पिछड़ों और सभी गरीबों के प्रति जो उनकी सोच थी उसको आज स्वीकार किया गया है लेकिन यह लड़ाई लगातार जारी रहेगी और इसके लिए हम यह देखने का काम करेंगे कि केंद्र सरकार किस तरह से जातिय जनगणना करने का कार्य करती है। इस पर मैं पूरी तरह से सजग होकर सरकार के द्वारा लिए गए फैसले पर निगाह रखुंगा।
इन्होंने आगे कहा कि हमारी अगली लड़ाई पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज के लिए लोकसभा और विधानसभा में सीटें आरक्षित की जाए, इसके लिए जातीय जनगणना होने के बाद इसकी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा और लोकसभा में पिछड़ों आई पिछड़ों के लिए आरक्षण की मांग की लड़ाई को आगे बढ़ाऊंगा। यह लड़ाई लंबे समय से लड़ी जा रही थी और हमने लगातार बिहार में दबाव बनाकर महागठबंधन सरकार के समय जातीय गणना करवाने का कार्य किया, और उस रिपोर्ट के आधार पर बिहार में 65% आरक्षण की व्यवस्था की ,और इसे नवमीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा , लेकिन केंद्र सरकार ने प्रस्ताव नहीं माना । जिस कारण कोर्ट कचहरी के मुकदमे में यह मामला फंस गया और 65% की जगह फिर से वही 49.5% आरक्षण की व्यवस्था पर नौकरियां दी जा रही है। जिसके कारण 16% आरक्षण व्यवस्था से पिछड़ों,अति पिछड़े ,दलितों और आदिवासियों को हक और अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। आरक्षण की चोरी करने वाली भाजपा लगातार जातीय जनगणना से इनकार कर रही थी, जब वो बिहार में जातीय गणना कराने पर सहमत नहीं हुए तब हमने बिहार सरकार के खर्चे से जातीय गणना करवाया ,लेकिन अफसोस की बात है कि इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार बिहार के लिए राशि नहीं दे रही है । जबकि जो गरीब चिन्हित किए गए थे उनके लिए दो-दो लाख रुपए देने की हमने योजना बनाई थी।
तेजस्वी ने आगे कहा कि बिहार में सरकार 65% आरक्षण व्यवस्था को बढ़ाकर 75% करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और इसके माध्यम से केंद्र सरकार को
नवमीं अनुसूची में 75% आरक्षण को शामिल करवाने के लिए प्रस्ताव भेजें हम सभी इसके लिए तैयार हैं। लेकिन ना तो नरेंद्र मोदी और ना ही नीतीश कुमार इसके लिए तैयार होंगे, क्योंकि इन लोगों शोषितों,
वंचितों , पिछड़ों ,अति पिछड़ों , दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने से बेचैनी होती है। इन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई चलती रहेगी और जातीय जनगणना करने के प्रति जो लालू जी की सोच थी उसको केंद्र सरकार ने माना है ,लेकिन अफसोस की बात है कि 1996 में प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने जब 2001 में जातीय जनगणना करने पर सहमति प्रकट की थी तब केंद्र की सत्ता में भाजपा चली आई और अटल जी के नेतृत्व वाली सरकार ने जातीय जनगणना करने से इनकार कर दिया । बाद वर्ष 2011 में लालू जी के दबाव के बाद यु पी ए टू की सरकार ने जातीय सर्वे कराया, लेकिन उस जातीय सर्वे का रिपोर्ट आने से पहले ही केंद्र की सत्ता बदल गई ।और इसमें
भाजपा ने उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने दिया और कहा कि जातीय गणना का जो रिपोर्ट था वह करप्ट हो गया है, और उसका डाटा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । इस तरह से भाजपा ने जातीय जनगणना के प्रति क्या रूख रखा है इसे स्पष्ट रूप से दिखता है। जहां लालू जी और अन्य समाजवादी नेताओं की सोच और उनके द्वारा किए गए संघर्ष और आंदोलन के कारण आज सामाजिक न्याय और लालू जी की सोच की जीत हुई है लालू जी के इस दूर दृष्टि से सभी बिहार और देश के गरीब ,शोषित,वंचित ,पिछड़ा ,दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज के लोगों में काफी खुशी है कि उनका हक और अधिकार राष्ट्रीय जनता दल लालू प्रसाद जी के नेतृत्व में संघर्ष को जो आगे बढ़ाया आज उसको केंद्र सरकार मानने के लिए मजबूर हुई है ।
प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में पटाखे छोड़कर खुशियां मनाएं और एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर खुशियों में शरीफ हुए।
संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सांसद श्री संजय यादव, विधान पार्षद डॉ सुनील कुमार सिंह, प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद, नवल किशोर यादव बंटू सिंह, एजया यादव, सारिका पासवान, अरुण यादव, आरजू खान, प्रमोद कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।
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