संप्रेषण और प्रस्तुति की कला पर डॉ सैयद रज़ा की किताब का विमोचन
संप्रेषण की बेहतरीन दक्षता ही हमें प्रभावशाली बनाती है।
. क़ासिम खुर्शीद
हमेशा सामयिक रहने के लिए निरंतर जागरूक रहना जरूरी
. अशरफ़ फरीद
पटना
ये अदभुत संयोग है कि विश्वविख्यात अंग्रेज़ी साहित्यकार जिन की कोविड पर लिखी आत्म कथा अभी चर्चे में ही है कि उनकी नई पुस्तक जो संप्रेषण और बेहतरीन प्रस्तुति कला पर केंद्रित है अपने नए प्रकाशन के रूप में सामने आई है communication and presentation skills पर इस अंग्रेजी पुस्तक के भव्य विमोचन का आयोजन बहरीन में अवस्थित लेखक डॉ एस रज़ा के पटना आगमन पर शिक्षा और इसके विकास के लिए वर्षों से समर्पित शैक्षिक संस्थान "रहमान फाउंडेशन" ने पटना के भव्य गोल्डन पाम होटल के खूबसूरत हॉल में किया जहां साहित्य चिकित्सा अभियंत्रण कला प्रशासन और दूसरे क्षेत्र के बहुमूल्यों लोगों ने अपनी सहभागिता से आयोजन को सफ़ल बनाया।रहमान फाउंडेशन के चेयरमैन जनाब ओबैदुर्रहमान ने डा सैयद रज़ा की किताब को वक्त की बड़ी जरूरत बताते हुए ज़ोर दिया कि आज दुनिया परफॉर्मेंस से प्रभावित है इस लिए स्वयं को दक्ष कर इस कला में गुणी होना जरूरी है। लेखक डॉक्टर सैयद रज़ा ने बेहतरीन आयोजन के लिए फाउंडेशन के शुक्रिया के साथ बिहार के हर क्षेत्र की महत्वपूर्ण हस्तियों की सहभागिता के लिए भी विशेष धन्यवाद दिया और बताया कि ये किताब सिर्फ मेडिकल प्रोफेशन के लिए नहीं है बल्कि जिंदगी के जिस क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं वहां अपने काम को बेहतरीन और प्रभावशाली तरीके से पेश करना और अपने स्वभाव से काम को दिलचस्प बनाना ही हमें दूसरों से अलग करता है। प्रसिद्ध शिक्षाविद अंतर्राष्ट्रीय शायर डा क़ासिम खुर्शीद ने डॉ सैयद रज़ा के योगदान पर विस्तार से चर्चा के दौरान बताया के केविड पर लिखे इनके उपन्यास की त्रासदी ने पाठकों को बेहद प्रभावित किया था अब संप्रेषण और प्रस्तुति की कला पर इनकी नई पुस्तक एक नए आयाम के साथ हमें जोड़ रही है ये सच है कि संप्रेषण की बेहतरीन दक्षता ही हमें प्रभावशाली बनाती है। विषय वस्तु की दृष्टि से भी ये किताब चर्चा में रहेगी। उर्दू एक्शन समिति के अध्यक्ष दैनिक क़ौमी तंजीम के एडिटर जनाब अशरफ फ़रीद ने इस किताब के प्रकाशन और इसकी ज़रूरत पर डॉ रज़ा को दिल से मुबारकबाद पेश की और विस्तार से अपनी प्रतिक्रियाएं रखने के दौरान जोर देकर कहा कि हमेशा सामयिक रहने के लिए निरंतर जागरूक रहने की आवश्यकता है। हम अगर अपनी परंपरा के निर्वाह में अनुशासित रहेंगे तो हमेशा कामयाब भी रहेंगे और जीवंत भी। प्रतियोगिता के लिए निरंतर बच्चों को दक्ष बनाने वाले श्री धनंजय ने भी इस किताब को बहुत जरूरी क़रार दिया और इसमें दिए गए बिंदुओं पर ध्यान से एकाग्र होने की सिफारिश भी की। विदुषी शमा शकील ने इस किताब को युवाओं के लिए वक्त की सब से बड़ी जरूरत क़रार दिया और बताया कि जहां तक मुमकिन हो हम स्वयं की पहचान करें तब ही लक्ष्य भी मिलेगा और विश्वास भी बढ़ेगा।बेहतरीन बुद्धिजीवी और समाजसेवी जनाब अनवर जमाल ने डा सैयद रज़ा की बेहतरीन कोशिश के लिए उन्हें बधाई देते हुए बताया कि इस अद्भुत विषय पर इनकी किताब इस लिए प्रभावशाली है कि इस किताब में इनका व्यावहारिक अनुभव शामिल है इसी प्रकार डा मुहामिद हई ने किताब की बहुत प्रशंसा की और इसे पढ़ने की दावत देते हुए ज़ोर दिया कि ये किताब जुनून रखने वालों के लिए मार्ग दर्शक होने के साथ माइल स्टोन भी है। पुस्तक प्रकाशन पर पत्रकार फैजान अहमद चर्चित शख्सियत खुर्शीद आलम एजाज़ हसन अशोक दुबे फहीम उद्दीन संजय सिंह आदि ने भी मुबारक बाद पेश की।
0 Response to "संप्रेषण और प्रस्तुति की कला पर डॉ सैयद रज़ा की किताब का विमोचन"
एक टिप्पणी भेजें