अब तो आम लोग भी कहने लगे हैं अपराध से कराहता बिहार, अत्याचार से कराहता बिहार, भ्रष्टाचार से त्रस्त बिहार और गरीबों की आह लेकर मस्ती में मलाई खाने वाली सरकार चल रही है: राजद

अब तो आम लोग भी कहने लगे हैं अपराध से कराहता बिहार, अत्याचार से कराहता बिहार, भ्रष्टाचार से त्रस्त बिहार और गरीबों की आह लेकर मस्ती में मलाई खाने वाली सरकार चल रही है: राजद

बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, सारिका पासवान, मधु मंजरी, अरूण कुमार यादव एवं आरजू खान की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में पलायन की स्थिति भयावह है और पलायन रोकने की जगह सरकार मनरेगा मजदूरों के बकाया राशि का भुगतान नहीं करके पलायन को और बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। जहां सरकार के स्तर से गरीब मनरेगा मजदूरों की बकाया राशि और योजना की सामग्री का दिसम्बर, 2024 के बाद अब तक 3588 करोड़ रूपये बकाया का भुगतान नहीं किया गया है। बिहार में केन्द्र सरकार के मंत्री आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं, फोटो सेशन में भाग लेते हैं लेकिन मजदूरों के बकाया की राशि पर चुप्पी साध लेते हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बिहार आये, बड़ी-बड़ी बातें किये लेकिन किसानों और मजदूरों के संबंध में एक भी बातें नहीं किये। भारत सरकार मनरेगा मजदूरों के बकाया राशि 3588 करोड़ पर कुंडली मारकर बैठ गई है। बिहार सरकार कोई एक काम बताएं जो जनता के हित में हो रहे हों। जहां मजदूरों के राशि को देने में सरकार असमर्थ है वहां सरकार विकास कैसे कर रही है यह स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है।
श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी इस मामले पर आप खुलकर सामने आइये और बताइये कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार हर मामले में फिसड्डी क्यों है? बिना पैसे के ही मजदूरों से काम लिया जा रहा है और मजदूर के काम के लिए चढ़ावा लिया जा रहा है लेकिन बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। गरीबों की आह से सरकार डरें। बिहार में जिस तरह से गरीब परिवार अपने भरण-पोषण के लिए सूद पर कर्ज ले रहे हैं वहां पर उनकी हालात कैसी है यह समझा जा सकता है। गरीबों के इस तरह के हालात पर डबल इंजन सरकार की ओर से क्या काम हो रहे हैं इस पर क्यों नहीं कहा जा रहा है। दो-दो उपमुख्यमंत्री रहते हुए भी गरीबों का पैसा दिलवाने के प्रति सरकार की गंभीरता क्यों नहीं दिख रही है। आज गांव और पंचायत में त्राहिमाम मचा हुआ है। मजदूरों के घरों में भूखमरी की स्थिति है और उनको देखने के लिए सरकार के स्तर से कोई कार्य नहीं हो रहे हैं। ऐसा लगता है कि बिहार में गरीबों पर अत्याचार करने वाली, इंसानियत को कराहने वाली, रोजी-रोटी के लिए तरसाने वाली और जनहित के सवाल पर चुप्पी साधने वाली खटारा सरकार बैठी हुई है। राज्य के हित में सरकार के स्तर से कोई काम नहीं हो रहे हैं। सारे विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं। 
इन्होंने आगे कहा कि बिहार में अपराध का बोलबाला है। अपराधियों को संरक्षण देने वाले बयानवीर बने हुए हैं और सरकार के स्तर से जो अपराध कर रहे हैं उनको महिमा मंडित किया जा रहा है। इसीलिए लोगों का कहना है कि अपराध से कराहता बिहार, अत्याचार से कराहता बिहार, भ्रष्टाचार से त्रस्त बिहार और गरीबों की आह लेकर मस्ती में मलाई खाने वाली सरकार है। बिहार सरकार में बैठे हुए मंत्री यह बतायें कि गरीब मजदूरों के मनरेगा के राशि का भुगतान किया जायेगा की नहीं? मनरेगा मजदूरों को बकाया भुगतान नहीं होने के कारण गरीबों में हाहाकार की स्थिति है और इस तरह के परिस्थितियों का निर्माण करने वाली सरकार लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर रही है। बिहार में मनरेगा मजदूरों को जिस तरह से सरकार के द्वारा बकाया राशि नहीं दी जा रही है यह इंसानियत के खिलाफ है और ऐसी सरकार जो इंसानियत के खिलाफ काम करती हो उससे आम अवाम जल्द ही मुक्ति चाहती है। 17 महीने में तेजस्वी जी ने महागठबंधन सरकार के माध्यम से जो कार्य मजदूरों और किसानों के हित में किये और आरक्षण व्यवस्था 65 प्रतिशत करने के साथ-साथ नौकरी और रोजगार देकर नौजवानों के चेहरे पर खुशियां दी और कहीं न कहीं पलायन की स्थिति से लोगों को निजात दिलाया। 

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