मुशायरा और हास्य कवि सम्मेलन बिहार दिवस का सर्वाधिक लोक प्रिय प्रोग्राम रहा
दर्शकों की उमड़ी भीड़ और कलीम कैसर सुरेंद्र शर्मा शबीना अदीब क़ासिम खुर्शीद शकील आज़मी शंभू शिखर सहित सभी को खूब पसंद किया गया
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बिहार दिवस 2025 के दौरान गांधी मैदान,श्री कृष्ण मेमोरियल हाल और रविन्द्र भवन पटना में 22 मार्च से 24 मार्च 2025 तक अनेक रंगा रंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अपनी रुचि के तहत श्रोता जुड़े और आनंदित हुए मगर इस में कोई संदेह नहीं कि दिनांक 23 मार्च को रविन्द्र भवन में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरा और इसी हाल में 24 मार्च को हास्य कवि सम्मेलन की अपार सफलता दर्शकों की भीड़ उनकी रुचि और रचनाकारों की प्रस्तुति के कारण एक कीर्तिमान स्थापित कर गई। जब कि उक्त मुशायरा और कवि सम्मेलन मुख्य कार्यक्रम स्तर से दूर था फिर भी बेहतरीन चयन खूबसूरत समन्वय और अद्भुत कलाम की वजह से लोग सुदूर इलाके से यह आए। कार्यक्रम की कामयाबी देख कर सामान्यतः ये प्रतिक्रिया आई कि बिहार दिवस के आरंभिक दौर की तरह ये मुशायरा कवि सम्मेलन गांधी मैदान के मुख्य मंच से होना चाहिए था ताकि आज के प्रौढ़ श्रोताओं को मौलिकता के आनंद के साथ मनोरंजन का आभास भी होता । ये भी बड़ा कारण था कि रविन्द्र भवन में आयोजित मुशायरे हास्य कवि सम्मेलन ने सब को इस तरह जोड़ लिया कि अपने प्रिय रचनाकारों को सुनने और देखने वालों की सर्वाधिक भीड़ रविन्द्र भवन में आयोजित मुशायरे और हास्य कवि सम्मेलन में देखी गई। शुरु से अंत तक लोग प्रोग्राम से इस तरह बंधे रहे कि उनकी कोई मिसाल नहीं दी जा सकती। यहां मामला दर्शकों की स्तरीयता और बौद्धिकता का था जिसे आम तौर पर हम बहुत हल्के में भी लेने के आदी हो गए हैं। मुशायरा में जब अंतरराष्ट्रीय शायर शिक्षा विद डॉ क़ासिम खुर्शीद ने अपनी अद्भुत रचनात्मकता के साथ सुविख्यात शायर डॉ कलीम कैसर,शकील आज़मी,शबीना अदीब , अज़्म शाकिरी,सुनील कुमार तंग , खुर्शीद अकबर नुसरत अतीक दिलशाद नज़मी के साथ नए रचनाकारों को भी पूरी शिद्दत के साथ पेश किया तो सामान्यतः ये प्रतिक्रिया थी कि शायरों कवियों के लिए उनका संबोधन किसी खूबसूरत नज़्म की तरह था जिसे सुन कर हाल में मौजूद भीड़ देर तक तालियों से उनका समर्थन करती रही और आधा मुशायरा निः संदेह वहीं कामयाब हो गया। फिर ये सिलसिला शुरू हुआ नए रंग के रचनाकार आर जे विजेता ने बिहार की स्तुति और नई सामयिकता पर प्रभावशाली ढंग से रचनाएं पेश कीं और श्रोताओं का प्यार हासिल किया ।समीर परिमल की प्रस्तुति ने भी लोगों को जोड़े रखा। झारखंड से आए शायर दिलशाद नज़मी ने मुशायरे को नई खुशबू दी फिर गोरखपुर से पहली बार बिहार आने वाली शायरा नुसरत अतीक ने अपनी प्रस्तुति कलाम के चयन से दर्शकों की खूब खूब दुआएं लीं। इसी तरह तरह सुनील कुमार तंग को भी बहुत रुचि के साथ सुना गया उन्हें लोग खूब सराहते रहे।जब अज़्म शाकिरी आए तो हाल में तालियों बजाकर देर तक अपने प्रिय शायर को सुनकर लोग झूमते रहे।इस खूबसूरत माहौल में खुर्शीद अकबर की शायरी का भी दर्शकों ने लुत्फ़ उठाया। और फिल्म साहित्य के चर्चित शायर शकील आज़मी को बुलाया गया सभी की तालियां देर तक जारी रहीं उन्होंने अपनी बहुत ही खूबसूरत नज़्में ग़ज़लें सुनकर श्रोताओं का दिल जीत लिया। और जब विश्व विख्यात रचनाकार शबीना अदीब माइक पर आईं तो अपना कलाम शुरू करने से पहले ज़ोर देकर कहा कि बेहतरीन शायर और संचालक डॉ क़ासिम खुर्शीद की दिल को छू लेने वाली निज़ामत और बेहतरीन अंदाजे बयान से ये मुशायरा इतना कामयाब हुआ है मैं उन्हें सलाम करती हूं फिर फरमाइश पर शबीना अदीब की शायरी पर लोग देर तक सिर धुनते रहे और वो फरमाइशें पूरी करती रहीं। फिर मंच और श्रोताओं ने क़ासिम खुर्शीद से अपना कलाम सुनाने का भी आग्रह किया तो उन्होंने कई खूबसूरत अशआर से सभी की दुआएं लीं हर रचना पर लोग झूमते रहे।और अंत में मुशायरे के अध्यक्ष डॉ कलीम कैसर ने कहा कि 50 साल से मैं देश विदेश में मुशायरे पढ़ रहा हूं कई यादगार मुशायरे पढ़ें हैं मगर मैं ये कहे बिना नहीं रह सकता कि इतने कामयाब और ज़हीन श्रोता तो अब जैसे ढूंढने पर भी नहीं मिलते मगर ये बिहार दिवस और द क़ासिम खुर्शीद का जादू है कि इतने ऐतिहासिक और कामयाब मुशायरे का आयोजन हुआ सब के लिए दिल की गहराई से दुआएं। फिर डा कलीम कै़सर ने मुहब्बत के रंग में डूबी अपनी कई ग़ज़लें सुनाई और लोग शराबोर रहे।फिर शिक्षा विभाग द्वारा सब का सम्मान हुआ नई कवियत्री लाडली कुमारी ने अपनी कविता के साथ बारी बारी सभी को सम्मान के लिए बुलाया और श्री संजय कुमार चौधरी द्वारा शायर कवि सम्मानित किए जाते रहे । कामयाबी का ये क्रम 24 मार्च के इसी हाल में पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा एवं समूह के साथ भी जारी रहा इस प्रोग्राम के भी समन्वयक डा क़ासिम खुर्शीद ही थे। हास्य कवि सम्मेलन को आरंभ करते हुए पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा के विषय में विस्तार से परिचय पेश किया और सारा सदन समर्थन में तालियों से स्वागत करता रहा फिर हास्य कवि शंभू शिखर के विषय में भी उनके प्रभावशाली परिचय का अभिवादन हुआ साथ ही शृंगार रस की दो कवियत्री तिष्याश्री और डा पद्मिनी शर्मा के खूबसूरत परिचय ने दर्शकों को जोड़े रखा। पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा की दुनिया कायल है और उन्हें सुनना भी एक खूबसूरत अध्याय जोड़ने जैसा है। सुरेन्द्र शर्मा को सुनकर दर्शक आनंद से भर गए उनकी हर पंक्ति पर लोग झूमते ही रहे पटना के दर्शकों की भी उन्हों ने बेहद प्रशंसा की। बिहार से सम्बद्ध शंभू शिखर ने भी अपने खास रंग से श्रोताओं का मनोरंजन किया जबकि तिष्याश्री और डा पद्मिनी शर्मा के सौंदर्य कला रंग ने भी खूब मनोरंजन किया । इस अद्भुत कामयाबी पर जहां क़ासिम खुर्शीद ने पटना के जन समूह का खास शुक्रिया अदा किया वहीं किलकारी की सक्रिय निदेशक डा ज्योति परिहार ने इस अद्भुत आयोजन की कामयाबी पर बेहद खुशी का इजहार किया साथ श्री संजय कुमार चौधरी डा ज्योति परिहार ने आमंत्रित रचनाकारों का सम्मान किया ।इस तरह कीर्तिमान स्थापित कर रविन्द्र भवन में आयोजित ये समारोह संपन्न हुआ।
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