बिहार की प्रतियोगिता परीक्षाओं में योग्य अभ्यर्थियों के साथ हो रहा लगातार खिलवार।
*परीक्षाओं में गड़बड़ी के साथ अवैध डिग्रीधारियों को भी मिल रहा भरपूर नौकरी ।*
*अवैध डिग्री पर कला- संगीत शिक्षकों की बहाली इसका ज्वलंत उदाहरण।*
पटना, 11/01/2025: बिहार में योग्य विद्यार्थियों, बेरोजगारों व अभ्यर्थियों के जीवन से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा परिक्षाओं में गड़बड़ी कर, प्रश्न पत्र लीक कर, परीक्षाओं एवं परिणाम को लटका कर एवं अवैध डिग्री पर अयोग्य लोगों को नौकरी देकर किया जा रहा है। ये बातें आज कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना के प्रांगण में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने कही।
उन्होंने व आर्ट एण्ड क्राफ्ट स्टूडेंट्स फेडरेशन के संयोजक मुकेश कुमार ने बताया कि बिहार की प्रतियोगिता परीक्षाओं में लगातार धांधली हो रही है और योग्य लोगों को योग्य रोजगार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने तफसील से बताया कि एक तो समय से वैकेंसी नहीं निकलती, निकलती है तो कब परीक्षा होगा, कब परिणाम आयेगा इसका ठीकाना नहीं होता। अब तो हर परीक्षा में गड़बड़ी, प्रश्न पत्र लीक होना, प्रश्नों में गड़बड़ी होना आम बात हो गयी है। इससे भी गंभीर है कि हाईकोर्ट व विद्यार्थियों द्वारा लगातार सवाल उठाने पर भी फर्जी डिग्री पर धरल्ले से शिक्षा विभाग व सरकार नौकरियां बांट रही है।
मुकेश कुमार ने बताया कि फर्जी नियुक्तियों का सबसे ज्वलंत उदाहरण कला एवं संगीत शिक्षकों की नियुक्ति का है। जिसमें फर्जी संस्थानों जैसे *प्राचीन काल केन्द्र, चण्डीगढ़ , प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद* आदि संस्थानों की डिग्रियों को अमान्य एवं अवैध घोषित होने पर भी उन डिग्रीयों पर सैंकड़ों लोगों को नौकरी मिली है। जबकि विद्यार्थियों ने इसके खिलाफ यूपीएससी, शिक्षा विभाग व सरकार को लगातार पत्र लिख अवगत कराया गया है तब भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे बिहार के बच्चों को एक तरफ जहां अयोग्य शिक्षक मिल रहे हैं वहीं दूसरे तरफ योग्य व पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय से पास योग्य डिग्रीधारियों का जीवन बर्बाद हो रहा है। ज्ञात हो कि उक्त संस्थानों को पटना हाईकोर्ट के याचिका सं 17899/2012, पंजाब हाईकोर्ट के CWP 17810/2023, UGC , केन्द्रीय विद्यालय सभी ने अयोग्य एवं फर्जी घोषित किया है। अभियर्थियों पटना हाईकोर्ट में भी CWJC no- 2239/2024 दायर की थी उसके जवाबी हलफनामा में शिक्षा विभाग बिस्तर सरकार और बीपीएससी द्वारा उक्त संस्थानों को फर्जी माना है।
विश्वजीत कुमार ने बताया कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में जब धरल्ले से फर्जी डिग्री पर नौकरियां बांटीं जा रही थी तब भी हमारे संगठन एआईएसएफ की ओर से लगातार सरकार से मांग किया गया की इस पर रोक लगाया जाए जब सरकार नहीं सूनी तो हमें हाईकोर्ट में CWJC 15459/2014 एवं 17115/2019 से लोकहित याचिका भी किया पर कोर्ट का आदेश भी लागू नहीं हो पा रहा।
संवाददाता सम्मेलन में उपरोक्त नेताओं के अलावा रविकांत कुमार, राजीव कुमार, अजय, रमन, रंजन बिपिन, प्रशांत, गौरव आदि विद्यार्थी व अभियार्थी शामिल थे।
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