जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक हुई।
पटना, सोमवार, दिनांक 20 जनवरी, 2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत गठित जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की बैठक हुई। इसमें उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना श्री संजय कुमार, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), पटना एवं समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
समिति के सदस्य-सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। समिति के सदस्यों के संज्ञान में लाया गया कि जिलान्तर्गत कोचिंग के निबंधन के लिए कुल 816 आवेदन प्राप्त हुआ था। इसमें से 413 आवेदनों का पूर्व में ही निष्पादन करते हुए 413 कोचिंग का निबंधन पूर्व में ही हो चुका है। 29 कोचिंग संस्थानों का निबंधन वर्ष 2024 में किया गया। 72 कोचिंग संस्थान निबंधन योग्य पाये गये हैं एवं इसके निबंधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। फायर एनओसी प्राप्त होने के उपरांत 25 अन्य कोचिंग संस्थान भी निबंधन के लिए पात्र हो जाएंगे। 19 कोचिंग संस्थान निबंधन के लिए अयोग्य पाये गये हैं। साथ ही 247 कोचिंग संस्थान बंद पाए गए हैं। इनके अतिरिक्त 11 नया आवेदन दिसम्बर, 2024 तक प्राप्त हुआ है। इसपर विधिवत कार्रवाई प्रारंभ की जा रही है। जिलाधिकारी ने निबंधन योग्य पाए गए 72 कोचिंग संस्थानों एवं फायर एनओसी प्राप्त करते हुए 25 कोचिंग संस्थानों अर्थात कुल 97 कोचिंग संस्थानों का निबंधन अतिशीघ्र पूर्ण करने का निदेश दिया। साथ ही जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रावधानों के अनुसार जिला-स्तरीय कोचिंग निबंधन समिति की नियमित तौर पर बैठक का आयोजन करने एवं कोचिंग संस्थानों के निबंधन हेतु ऑनलाईन पोर्टल विकसित करने के लिए तत्परता से कार्य करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को इन 19 अस्वीकृत आवेदनों तथा 247 बंद पाए गए कोचिंग संस्थानों की सूची अनुमंडलवार अलग-अलग कर संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराने का निदेश दिया। अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जाँच करने का निदेश दिया गया है कि निबंधन के लिए अयोग्य पाए गए इन कोचिंग संस्थानों का अवैध ढ़ंग से संचालन तो नहीं हो रहा है। यदि अवैध ढ़ंग से संचालन हो रहा हो तो अनुमंडल पदाधिकारियों को विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। बंद पाए गए कोचिंग संस्थानों के बारे में भी अनुमंडल पदाधिकारियों को यह जाँच करने का निदेश दिया गया कि अवैध रूप से इसका संचालन तो नहीं हो रहा है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन, पटना द्वारा पूर्व में 07 टीम का गठन कर लगभग 600 से अधिक कोचिंग संस्थानों में सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जाँच कराई गई थी। सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारियों की अध्यक्षता में तथा पटना मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में अपर जिला दण्डाधिकारी (आपदा प्रबंधन), पटना की अध्यक्षता में टीम गठित कर कोचिंग संस्थानों की जाँच करायी गयी थी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वाेपरि है। यह सभी स्टेकहोल्डर्स यथा कोचिंग संचालकों, प्रशासन तथा अभिभावकों की सम्मिलित जिम्मेदारी है। कोचिंग के संचालन में सुरक्षा मानकों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्य है। बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार कोचिंग का संचालन किया जाए। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को यह निदेश दिया गया है कि वे सुरक्षात्मक मानकों के अनुपालन की जाँच एवं जाँचोपरांत कृत कार्रवाई के संबंध में विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन दें। इसमें जाँच की गई कोचिंग संस्थानों की संख्या, कमी/त्रुटि पायी गयी कोचिंग की संख्या, कितने कोचिंग संस्थानों को नोटिस निर्गत किया गया, कितने से स्पष्टीकरण किया गया तथा कितने कोचिंग संस्थानों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु अनुशंसा की गई, इसका रिपोर्ट देने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में कोचिंग संस्थानों के विधिवत रूप से संचालन हेतु जाँच करने के लिए प्राधिकृत हैं। सुरक्षात्मक मानकों के उल्लंघन की स्थिति में वे कार्रवाई की अनुशंसा कर सकते है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम के तहत कोचिंग संस्थानों की स्थापना, निबंधन एवं संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निदेश दिया गया है। इसके अनुसार अन्य बिन्दुओं के साथ निम्मलिखित तीन मानकों पर समुचित ध्यान देना अनिवार्य है।
(1) कोई भी कोचिंग संस्थान बिना वैध निबंधन प्रमाण-पत्र प्राप्त किए न तो स्थापित किया जाएगा और न चलाया जाएगा। कोचिंग संस्था की आधारभूत संरचना के अधीन वर्ग कक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र न्यूनतम 1 वर्ग मीटर होगा।
(2) वर्ग कक्ष में प्रवेश एवं निकास अवरोधमुक्त होना चाहिए। बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए।
(3) अग्नि सुरक्षा के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि उपर्युक्त तीन मानकों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सुरक्षात्मक मानकों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 6 (2) में दंड का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के किसी प्रावधान का उल्लंघन करने पर प्रथम अपराध के लिए 25,000/- (पच्चीस हजार) रूपये तथा द्वितीय अपराध के लिए 1,00,000/-(एक लाख) रूपये के दंड का प्रावधान है। द्वितीय अपराध के बाद निबंधन रद्द किए जाने का भी प्रावधान है।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ माह पूर्व कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई थी तथा उनका पक्ष भी सुना गया था। उनकी माँग के अनुसार उन्हें समय दिया गया था। कोचिंग संस्थानों का संचालन मानक प्रक्रिया के अनुसार सुनिश्चित की जाए। विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए।
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