डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 11 मामलों की सुनवाई की गई

डीएम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 11 मामलों की सुनवाई की गई

कार्यों में शिथिलता, लोक शिकायतों के निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में दो लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई
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अंचल अधिकारी, नौबतपुर एवं अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रुपये का दंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
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पटना, शुक्रवार, दिनांक 31 जनवरी, 2025ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायतों के निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई। 
  
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 11 मामलों की सुनवाई की गई। 07 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 04 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। कार्यों में शिथिलता तथा जनहित के मामलों में संवेदनहीनता के आरोप में लोक प्राधिकारों अंचल अधिकारी, नौबतपुर एवं अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रुपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया। 
दरअसल अपीलार्थी श्रीमती पुष्पा देवी, सा.-पाली, नौबतपुर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत गैर मजरूआ आम जमीन को अतिक्रमणमुक्त करने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, नौबतपुर द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्हें दिनांक 03 अक्टूबर, 2023 को ही दो महीने के अंदर विषयांकित भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था। परन्तु उनके द्वारा आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं किया गया है। यह भूमि अभी भी अतिक्रमित है। अंचल अधिकारी का प्रतिवेदन भी अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, नौबतपुर के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि अतिक्रमित भूमि से शीघ्र अतिक्रमण हटाते हुए सुनवाई की अगली तिथि को कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे। 
एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री भुनेश्वर सिंह, ग्राम एवं पो.-मितन चक, थाना-गोपालपुर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत जमाबंदी रद्दीकरण से संबंधित है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, सम्पतचक द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। अपर समाहर्ता, पटना के न्यायालय द्वारा दिनांक 24.08.2023 को पारित आदेश का अभी तक अनुपालन नहीं किया गया है। अंचल अधिकारी का प्रतिवेदन भी अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने महीनों में समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, सम्पतचक के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया परिवाद का नियमानुसार शीघ्र निवारण करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे। 
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।


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