पारस एचएमआरआई में एंडोस्कोपी से साइटिका का सफल इलाज

पारस एचएमआरआई में एंडोस्कोपी से साइटिका का सफल इलाज

• चलने-फिरने या खड़े होने के स्थिति में भी नहीं थे 55 वर्षीय मरीज
• इलाज के बाद एक दिन में मिल गयी छुट्टी

पटना। 
पारस एचएमआरआई, पटना में एंडोस्कोपी तकनीक का उपयोग कर साइटिका से पीड़ित एक मरीज का सफल इलाज किया गया। 55 वर्षीय मरीज पिछले दो महीनों से पैर के तेज दर्द से जूझ रहे थे। उन्हें चलने और खड़े होने में भी कठिनाई हो रही थी।

एमआरआई जांच में पता चला कि मरीज की रीढ़ की हड्डी की नस दब गई थी, जिसे साइटिका कहते हैं। अस्पताल के *स्पाइन सर्जन डॉ. गौतम आर प्रसाद* ने एंडोस्कोपी तकनीक का उपयोग कर रीढ़ की हड्डी पर दबाव बना रही डिस्क के हिस्से को हटा दिया। यह प्रक्रिया इतनी प्रभावी रही कि मरीज को ऑपरेशन के एक दिन बाद ही छुट्टी दे दी गई।

डॉ. गौतम ने बताया कि साइटिका एक सामान्य समस्या है, जिसमें रीढ़ की नस पर दबाव पड़ने से पैर में तेज दर्द और चलने-फिरने में परेशानी होती है। इलाज के लिए पहले दवा और व्यायाम का सहारा लिया जाता है। जब यह प्रभावी नहीं होता, तब ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है।

उन्होंने यह भी बताया कि पहले ऑपरेशन लम्बे चीरे के जरिए होता था, फिर माइक्रोडिस्केक्टॉमी से इलाज किया जाने लगा। लेकिन अब एंडोस्कोपी तकनीक से केवल 5 मिलीमीटर के दो छोटे-छोटे छेद करके ऑपरेशन किया जाता है। इसमें न तो बड़ा चीरा लगता है, न ज्यादा खून निकलता है, और मरीज तेजी से रिकवर करता है। ऑपरेशन के 24 घंटे के भीतर मरीज सामान्य रूप से चलने-फिरने लगता है। डॉ. गौतम के अनुसार, यह अत्याधुनिक तकनीक सीखने में जटिल जरूर है, लेकिन इसमें मरीज को बहुत फायदा होता है।
इस संबंध में *फैसिलिटी डायरेक्टर अनिल कुमार* ने कहा कि पारस एचएमआरआई में इस सुविधा के उपलब्ध होने से बिहार और आसपास के राज्यों के मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।

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