श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर बिहार के द्वारा लिखित पुस्तक "डाक टिकट के साथ एक खास मुलाकात का विमोचन

श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर बिहार के द्वारा लिखित पुस्तक "डाक टिकट के साथ एक खास मुलाकात का विमोचन

तीन दिवसीय बिहार डाक टिकट प्रदर्शनी "BIPEX-2024" का दूसरा दिन

मौर्यकालीन कला एवं सिक्के पर विशेष आवरण का विमोचन

श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर बिहार के द्वारा लिखित पुस्तक "डाक टिकट के साथ एक खास मुलाकात का विमोचन

डाक टिकट प्रदर्शनी में आकर सेल्फी खिचवायें और आकर्षक इनाम जीतें

विश्व के प्रथम डाक टिकट ताम्र टिकट को देखने के लिए उमड़ी भीड़
सुप्रसिद्ध फिलाटेलिस्ट प्रदीप जैन के द्वारा डाक विभाग के द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी के लिए हृदय से साधुवाद एवं श्री अनिल कुमार चीफ पोस्टमास्टर जनरल बिहार को उनके कुशल नेतृत्व के लिए बधाई

माननीय उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा डाक विभाग के इस आयोजन सहित अन्य दी जाने वाली सभी सेवाओं को सराहा एवं बिहार के इतिहास को सहेजने के लिए किये जाने वाले कार्यों के लिए श्री अनिल कुमार, चीफ पॉस्टमास्टर बिहार को धन्यवाद दिया

प्रदर्शनी में पधारे आकस्मिक मेहमान सुप्रसिद्ध युट्यूबर मनीष कस्पप

सुप्रसिद्ध युट्यूबर मनीष कस्यप के द्वारा एक सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए उपलब्ध कराये गए इस प्रकार के प्लेटफॉर्म के लिए दिया श्री अनिल कुमार चीफ पोस्टमास्टर जनरल बिहार एवं डाक विभाग को बहुत-बहुत बधाई

आज दिनांक 29-11-2024 को ज्ञान भवन पटना में भारतीय डाक विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय बिहार डाक टिकट प्रदर्शनी BIPEX-2024 के भव्य आयोजन के दूसरे दिन के संध्या कार्यक्रम का प्रारंभ उद्घाटनकर्ता मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार सिन्हा, माननीय उपमुख्यमंत्री, बिहार एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों के आगमन के साथ हुआ। उद्धतानकर्ता, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर इस कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ किया गया।
श्री परिमल सिन्हा, पोस्टमास्टर जनरल, उत्तरी क्षेत्र, मुजफ्फरपुर द्वारा मुख्य अतिथि एवं सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत संबोधन किया गया एवं डाक विभाग के देश के हर कोने में पहुँच एवं दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में संक्षेप में जानकारी दी गयी।

श्री अनिल कुमार चीफ पोस्टमास्टर जनरल बिहार ने भी प्रदर्शनी के लिए आये सभी बच्चों एवं जनता के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। सभी सम्मानित अतिथियों एवं फिलेटेलिस्ट का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा की हर व्यक्ति को एक शौक जरुर रखना चाहिए ये जीवन को हमेशा आकर्षक बनाये रखता है और फिलातेलिस्ट एक सबसे अच्छा शौक हो सकता है इसे बच्चे जरुर अपनाएं।
इसके पश्चात माननीय उप मुख्य मंत्री महोदय, मुख्य अतिथि एवं उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के द्वारा "मौर्यकालीन कला एवं सिक्के पर विशेष आवरण का अनावरण किया गया। श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, बिहार के द्वारा लिखित "डाक टिकट के साथ एक खास मुलाकात' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।

मुख्य अथिति श्री विजय कुमार सिन्हा, माननीय उप मुख्य मंत्री बिहार सरकार, के द्वारा श्री अनिल कुमार, चीफ पोस्टमास्टर जनरल, बिहार को डाक विभाग द्वारा आयोजित इस भव्य प्रदर्शनी के लिए साधुवाद दिया। अपने इतिहास के बारे में उन्होंने कहा की हमारा वैभव पूर्ण इतिहास हमारे वर्तमान को सवारने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि विरासत को बिना जाने सकारात्मक विकास नहीं कर सकते। बिहार की धरती ने ज्ञान दिया विज्ञान दिया और चाँद तक पहुंचने का सूत्र दिया। हमारा बिहार शक्ति भक्ति एवं मुक्ति का त्रिकोण है। प्रदर्शनी केवल वस्तुओं का संग्रह नहीं है बल्कि इतिहास एवं समय को समझने का सबसे शसक्त माध्यम है। आज के सारे डिजिटल सोशल मीडिया का जनक डाक विभाग ही है। उन्होंने इस सदी में भारत को शीर्ष पर पहचान है।
श्री रमाकांत शर्मा द्वारा कहा गया कि जीवन के लिए सबसे जरुरी है कुछ ऐसा करना जिससे मन को प्रसन्नता मिले, फिलाटेली इसका एक बहुत ही अच्छा माध्यम बन सकता है।

डॉ. के. एन. सिंह, अतिरिक्त महाधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय ने पत्र लेखन की महत्ता को समझाया। उन्होंने बताया पत्रों के माध्यम से दिलों तक पहुँचने वाली संवेदना का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता और इसी प्रकार इस संवेदना को पहुंचाने वले विभाग का स्थान भी कोई नहीं ले सकता। उन्होंने डाक विभाग के प्रदर्शनी का लाभ लेने कि लिए सभी से अपील कि तथा साथ ही साथ डाक विभाग कि सेवा लेने के लिए सबों को प्रेरित किया।

डॉ. सहजानंद, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए, डॉ. रविशंकर सिंह, निदेशक, मेदांता सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना; श्री रमाकांत शर्मा, अध्यक्ष, बिहार स्टेट बार काउंसिल, डॉ. संजीव कुमार, एम्स पटना और डॉ. के. एन. सिंह, अतिरिक्त महाधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय द्वारा मंच को सुशोभित किया गया।

इस प्रदर्शनी परिसर में आगंतुकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा विभाग एक अस्थायी डाकघर खोला गया है जिसमे डाक विभाग द्वारा प्रदान जी जाने वाली सुविधाएं उपलब्ध हैं। डाक विभाग द्वारा एक फिलेटली काउंटर भी खोला गया है जहां लोग फिलेटली डिपॉजिट अकाउंट खुलवा सकते हैं, माय स्टांप बनवा सकते हैं, डाक टिकट खरीद सकते है। इसके अतरिक्त डाक विभाग द्वारा एक पोस्ट शॉपी का काउंटर भी लगाया गया है जहां आम जरूरत की बहुत सारी वस्तुएं जैसे गंगोत्री का गंगा जल ग्राहकों के लिए एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं। इसके अलावे बहुत सारे महत्वपूर्ण एवं स्थानीय कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बहुत सारे बहुत सारे काउंटर लगाए गए हैं।

मौर्यकालीन कला एवं सिक्के
बिहार में मौर्यकाल (लगभग 322-185 ईसा पूर्व) में अद्वितीय कला और वास्तुकला का विकास हुआ, जो चमकदार बालूपत्थर और विशाल संरचनाओं, जैसे अशोक स्तंभों और स्तूपों के निर्माण से विशेष रूप से परिलक्षित होता है। सम्राट अशोक द्वारा स्थापित स्तंभ, विशेषकर बिहार के लौरिया नंदनगढ़ में स्थित स्तंभ, अपनी उच्चकोटि की चमक और नैतिकता को बढ़ावा देने वाले अभिलेखों के लिए प्रसिद्ध हैं। मौर्य कला शैली में पशुओं के जीवंत चित्रण देखने को मिलते हैं, जिसका उत्कृष्ट उदाहरण सारनाथ के प्रसिद्ध सिंह-शीर्ष में है, जो शक्ति और एकता का प्रतीक है। मौर्यकाल के सिक्के, जो प्रायः पंच चिह्नित चांदी के बने होते थे, सूर्य, वृक्ष, और पशुओं जैसे प्रतीकों को दर्शाते हैं, जो उस समय के सामाजिक- आर्थिक और धार्मिक परिवेश को प्रतिबिंबित करते हैं। ये सिक्के, अभिलेखों और मूर्तियों के साथ मिलकर मौर्य शासन के अंतर्गत बिहार की आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक संपन्नता की मूल्यवान जानकारी प्रदान करते हैं।

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