आत्मा एकमात्र ऐसी चीज़ है जिसे आप इस दुनियाँ में लेकर आए हैं और एकमात्र चीज़ है जिसे आप वापस ले जा सकते हैं : सारिका ठाकुर
आत्मा के अलावा इस दुनियाँ से कोई चीज़ वापस लेकर कोई नहीं जा सकता। इसलिए ज़रूरी है कि किसी भी मामले में अपनी आत्मा का सौदा हरगिज़ न करें। आप जिस दिन आत्मा से सौदा कर लेते हैं उस दिन से आपकी चेतना का स्तर गिर जाता है, फिर आपका व्यक्तित्व किसी को प्रभावित करने लायक भी नहीं बचता। जिन्होंने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, जिन्होंने किसी की चाटूकारिता नहीं कि वो लोग हर दौर में शांति के दूत के तौर पर याद किये जाते रहेंगे। आत्मा सच सुनना चाहती है, सच कहना चाहती है और सच्चों के साथ रहना चाहती है मगर हमारा दिमाग हमारी आत्मा पर हावी हो जाता है और इस तरह हम दया, करुणा, संवेदना जैसी अहम चीज़ों दे बहुत दूर चले जाते हैं और हम कठोरता का समर्थन करने लगते हैं। और जब हम कठोर बन जाते हैं तब हम किसी भी ज़िम्मेदारी को सही तरह से नहीं निभा पाते। जब हम कोई भी ग़लत काम करने का सोचते हैं तब सबसे ज़्यादा दुख हमारी आत्मा को होता है क्योंकि वो प्रेम, दया, करुणा, शांति व मानवता की बातें सिखाती है और उसी की तरफ लेकर जाना चाहती है।
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