डीएम द्वारा लोक शिकायत के 24 मामलों की सुनवाई की गई

डीएम द्वारा लोक शिकायत के 24 मामलों की सुनवाई की गई

कार्यों में शिथिलता, लोक शिकायत निवारण में अरूचि एवं संवेदनहीनता के आरोप में दो लोक प्राधिकार के विरूद्ध कार्रवाई की गई
------------------------------------

अंचल अधिकारी, पालीगंज एवं अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रुपये का दंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया
----------------------------------

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहेंः डीएम
--------------------------------------

पटना, शनिवार, दिनांक 16 नवम्बर, 2024ः जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में दो लोक प्राधिकारों के विरूद्ध कार्रवाई की गई। 
  
डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 24 मामलों की सुनवाई की गई। 10 मामलों का ऑन द स्पॉट निवारण किया गया तथा 14 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। कार्यों में शिथिलता तथा जनहित के मामलों में संवेदनहीनता के आरोप में लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पालीगंज तथा अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध पाँच-पाँच हजार रुपया का अर्थदंड लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया। 

दरअसल अपीलार्थी श्री ब्रहमदेव बिंद, ग्राम-कल्याणपुर, पोस्ट-पैपुरा कला, थाना-पालीगंज, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत भूमि विवाद से संबंधित है। परिवादी द्वारा अपने पिता के नाम से कायम जमाबंदी को ऑनलाईन पोर्टल पर डिजिटाइज करने के संबंध में परिवाद दाखिल किया गया है।  जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, पालीगंज द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। परिवादी द्वारा परिमार्जन प्लस से दायर आवेदन पर यथोचित कार्रवाई नहीं की गई है। अंचल अधिकारी का प्रतिवेदन भी भ्रामक, अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पालीगंज के समक्ष दिनांक 12.03.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग सात महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, पालीगंज के स्तर पर ही लंबित है। आवेदक द्वारा लगभग दो साल पूर्व अंचल अधिकारी को आवेदन दिया गया था परन्तु इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का दो साल में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, पालीगंज के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि एक माह के अंदर परिवाद का नियमानुसार निवारण करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे। 
एक अन्य मामले में अपीलार्थी श्री श्यामदेव चौधरी, सवरीनगर बड़ी नहर, पटना नगर निगम वार्ड नम्बर-03, पोस्ट-धनौत, रूपसपुर, दानापुर, जिला-पटना द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष लोक शिकायत निवारण हेतु द्वितीय अपील में वाद दायर किया गया है। अपीलार्थी की शिकायत सबजपुरा, अंचल-दानापुर, सवरीनगर के उत्तरी भाग स्थित सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त किए जाने एवं रास्ता के अवरोध को दूर करने के संबंध में है। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, दानापुर द्वारा इस मामले में कोई सकारात्मक, सार्थक एवं ईमानदार प्रयास नहीं किया जा रहा है। अंचल अधिकारी का प्रतिवेदन भी भ्रामक, अस्पष्ट एवं असंतोषजनक है। परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, दानापुर के समक्ष दिनांक 07.05.2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। लगभग पाँच महीना की अवधि में भी परिवाद अंचल अधिकारी, दानापुर के स्तर पर ही लंबित है। आवेदक द्वारा लगभग एक साल पूर्व अंचल अधिकारी को आवेदन दिया गया था परन्तु इसपर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का एक साल से समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। भ्रामक एवं अस्पष्ट प्रतिवेदन देने, लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण जिलाधिकारी द्वारा लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध 5,000/-रूपया का अर्थदंड लगाते हुए उनसे कारण-पृच्छा की गई। साथ ही उन्हें निदेशित किया गया कि एक माह के अंदर परिवाद का नियमानुसार निवारण करते हुए सुनवाई की अगली तिथि को कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे। 

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

0 Response to "डीएम द्वारा लोक शिकायत के 24 मामलों की सुनवाई की गई"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article