फिरकापरस्ती से ऊपर उठकर ईरान के साथ खड़े हों: रेयाज आलम

फिरकापरस्ती से ऊपर उठकर ईरान के साथ खड़े हों: रेयाज आलम

पटना, 4 अक्टूबर, 2024
आज ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खुमैनी ने जंग के हालात में जुमे की नमाज़ अदा की और मुसलमानों के लिए एक ताकतवर पैग़ाम दिया, जिसमें उन्होंने एकता और मज़बूती पर ज़ोर दिया। अपने खुत्बे में आयतुल्ला खुमैनी ने कहा, “इस्लाम के दुश्मनों ने हमें बांटने और कमजोर करने की एक और साजिश रची है। यह सिर्फ़ एक सियासी या फ़ौजी जंग नहीं है, बल्कि यह हमारे ईमान, हमारी आस्थाओं और हमारी एकता पर हमला है। हमें फिरकापरस्ती से ऊपर उठकर एक उम्मत के तौर पर एकजुट होना होगा, क्योंकि दुनिया भर में जो मुसलमान दबाए जा रहे हैं, उनकी हिफाज़त करना हमारा धार्मिक और नैतिक फर्ज़ है। जो ताकतें हमें बांटने की कोशिश कर रही हैं, वे हमारी कमज़ोरियों का फायदा उठा रही हैं।”

हालांकि मैंने कभी उनकी फिक़ाह या उनके मसलक को नहीं अपनाया और कई मामलों में उनसे मतभेद भी रहा है, फिर भी मौजूदा हालात को देखते हुए मैं आज उनके रुख का समर्थन करता हूं।

कई लोग जानबूझकर या अनजाने में ईरान का विरोध कर रहे हैं और इस्राइल के पक्ष में खड़े हो रहे हैं, लेकिन मेरा ईरान का समर्थन उस वाक़िये पर आधारित है जो हज़रत मोहम्मद स० के दौर में हुआ था। जब रोमियों और फारसियों के बीच जंग हो रही थी, तो हज़रत मोहम्मद स० ने रोमियों के लिए दुआ की, जबकि दोनों ही मुसलमानों के दुश्मन माने जाते थे। जब सहाबा ने दरयाफ़्त किया कि आप रोमियों के लिए क्यों दुआ कर रहे हैं, तो हज़रत मोहम्मद स० ने फरमाया कि रोम वाले “अहले किताब” हैं, जबकि फारसी आग के उपासक हैं।

आज के दौर में, भले ही शिया अलग तरीकों से अपने मज़हबी रस्म-रिवाज निभाते हैं, फिर भी वे हमारे कलमा पढ़ने वाले भाई हैं। वे भी अल्लाह को एक और हज़रत मोहम्मद स० को आखिरी नबी मानते हैं। यहूदी और ईसाई दुश्मनों के सामने, मुसलमानों को फिरका भूलकर एक-दूसरे के साथ खड़ा होना चाहिए। चाहे वह अरब हो, फारसी हो या दुनिया के किसी भी हिस्से का मुसलमान, फिरका कोई भी हो, हमारी हमदर्दी अपने मुसलमान भाइयों के साथ होनी चाहिए।

इस वक्त मुसलमानों के बीच बेहतर समझदारी और सहयोग की ज़रूरत है। फिरकापरस्ती से हमें कमज़ोर नहीं होना चाहिए, खासकर जब हम एक साझा दुश्मन का सामना कर रहे हों। यह समय एकता और इंसाफ़ के लिए एकजुट होकर खड़े होने का है।

0 Response to "फिरकापरस्ती से ऊपर उठकर ईरान के साथ खड़े हों: रेयाज आलम"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article