प्रशांत किशोर की राजनीति की पोल खुली, परसेप्शन और गुमराह की राजनीति अधिक दिन नहीं चलती- एजाज अहमद
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि प्रशांत किशोर की राजनीति का पोल खुल चुका है , उन्होंने चारों विधानसभा के उपचुनाव में नॉन ग्रेजुएट उम्मीदवार और दागी उम्मीदवार भी दिया है । भाजपा के इशारे पर सामाजिक न्याय धर्मनिरपेक्षता की धारा को कमजोर करने की नीयत से जो परसेप्शन और गुमराह करने की जो राजनीति शुरू की थी, वह धरातल पर आते ही पूरी तरह से धराशाई हो गई । प्रशांत किशोर जी पीआर एजेंसी चलाना तो आसान काम है और रणनीतिकार बनना अलग बात है लेकिन समाज और बिहार की राजनीति में जो मिट्टी -गिट्टी से नहीं जुड़े हुए हैं जो संघर्ष और आंदोलन नहीं किए हैं उनको राजनीति का ज्ञान कहां से आ सकता है। और जिस तरह से चार सीटों में दो सीटों का उम्मीदवार बदलने के लिए वो मजबूर हुए हैं यह उनके राजनीति के ज्ञान का स्पष्ट प्रमाण है। एक उम्मीदवार जो तरारी में दिए थे,उनका बिहार के वोटर लिस्ट में नाम ही नहीं था, जबकि दूसरे उम्मीदवार बेलागंज के लड़ने से ही इनकार कर दिया इसे ही समझ में आता है कि पिच पर उतरने से पहले ही उनके खिलाड़ी पूरी तरह से धराशाई हो चुके हैं। और यह स्वयं हताशा और निराशा में वैसे उम्मीदवार का चयन किए हैं कि जिनके संबंध में भी पूरी जानकारी नहीं है इमामगंज के उम्मीदवार के बारे में कहते रहे कि डॉक्टर है जबकि वह आरएमपी
(इंटर पास) है। इस तरह की राजनीति करके प्रशांत किशोर किस तरह का पैमाना तय करना चाह रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है, ऐसी राजनीति रणनीतिकार बनकर पेश करने के कारण ही आज देश के लोगों को और नौजवानों को नफरत की राजनीति से दो-चार होना पड़ रहा है ।और जुमलाबाज पार्टी सत्ता में आकर किस तरह की राजनीति नौजवानों की नौकरी और रोजगार के संबंध में कर रही है वह भी दिख रहा है। इस तरह की राजनीति को बढ़ावा देने वाले बिहार बदलने की बात कर रहे थे, लेकिन बिहार की जनता ने उनको ही बदल दिया और चुनाव परिणाम के बाद वह बिहार से बोरिया बिस्तर लेकर के चले जाएंगे।
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