*बिहार में भूमि सर्वेक्षण से किसान परेशान*
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 10 सितम्बर ::
बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे भूमि सर्वेक्षण पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और भाजपा नेता आरपी सिंह के बयान का समर्थन करते हुए अरवल विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह समाजसेवी मोहन कुमार ने
राज्य सरकार से मांग किया है कि जमीन सर्वे पर सरकार सबसे पहले जन जागरूकता के तहत किसानों को अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराए।
किसान और ग्रामीण लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि जितनी भी जमीन है, जितने भी खातेदार हैं, उस जमीन का कौन-कौन मालिक है, कितने गैर मजरुआ जमीन है, गैरमजरुआ जमीन में कितना जमीन गैरमजरुआ आम और कितना गैरमजरुआ खास है, तथा कितना रैयत जमीन है।
उन्होंने कहा है कि आज पूरे बिहार में स्पष्टता से इन चीजों को कोई नहीं जानता है। इसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों को हैं, इसलिए सरकार को इस दिशा में पहले आगे बढ़ कर, काम करना चाहिए। अभी जो सर्वे चल रहा है, इसमें लोग अंचल कार्यालय जा रहे हैं, वहाँ के पदाधिकारी ग्रामीणों को सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं और समझा भी नहीं पा रहे हैं। प्रैक्टिकल रुप में यह संभव भी नहीं है।
मोहन कुमार ने कहा कि जमीन का मुद्दा अगर छेड़ा जाता है, और अगर उसे अंतिम न्याय पूर्ण निर्णय तक नहीं ले जाया जाएगा तो आगे बहुत भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बिना आमलोगों ओर किसानों को जागरूक किये, कोई कानून बनेगा, नई-नई व्यवस्था होगी, नई-नई नियमावली बनेगा, तो इससे समस्या का समाधान नहीं बल्कि समस्या और जटिल रूप ले लेगी।
उन्होंने कहा कि बहुत सारी ऐसी जमीनें हैं जिसका विवाद सिविल कोर्ट में पेंडिंग है, कुछ सर्वोच्च न्यायालय तक जा चुका है, उन जमीनों का सर्वे कैसे होगा? बहुत सारी ऐसी जमीनें हैं जो 100 वर्ष पुरानी हैं, उसका कागजात लोगों के पास नहीं है, बहुत सारे ऐसे परिवार हैं जिनके सदस्य देश से बाहर भी रह रहे है, उनको न्याय कैसे मिलेगा? सरकार इस तरह की समस्याओं की दिशा में गंभीरता से पाल नहीं कर रही है, जबकि इस दिशा में पहल करनी चाहिए और कोई समुचित कदम उठाना चाहिए।
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