आल इण्डिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी से मांग की है कि दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति आरक्षण की सुविधा दी जाए

आल इण्डिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी से मांग की है कि दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति आरक्षण की सुविधा दी जाए

   आल इण्डिया बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी से मांग की है कि दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति आरक्षण की सुविधा दी जाए। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन और वरिष्ठ नेता असगर अली खान ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आज ही के दिन 10 अगस्त 1949 को तत्कालीन कांग्रेस की सरकार द्वारा राष्ट्रपति अध्यादेश के जरिए दलित मुसलमानों के साथ संवैधानिक नाइंसाफी की गई और संविधान की धारा 341 में धार्मिक प्रतिबंध लगाया गया जो कि धारा 14,15 और 25 के विरुद्ध है। द्विय नेताओं ने कहा कि मोर्चा 1994 से आज के दिन को "संवैधानिक नाइंसाफी" के रूप में याद करता है।
   द्विय नेताओं ने कहा कि सड़क से सदन, और सदन से न्यायालय तक मोर्चा संघर्ष कर रहा है पर 75 वर्ष बाद भी इंसाफ नहीं मिला है। इन नेताओं ने कहा कि वर्षों बाद मोदी जी के शक्ल में देश को ऐसा नेता मिला जो एक बार ठान लें कि यह करना है तो करना है और अनेकों एतिहासिक कामों को किया भी है नोट बंदी, धारा 370, जी एस टी, तीन तलाक़, स्वर्णों को आरक्षण आदि काम मोदी सरकार ने किया और देश के इतिहास में पहली दफा किसी प्रधानमंत्री ने एक बार नहीं कई बार पिछड़े व अति पिछड़ें (पसमांदा) मुसलमानों की बदहाली पर जमकर बोला है। द्विय नेताओं ने कहा कि अगर मोदी जी ने ठान लिया कि वह दलित मुसलमानों के साथ हो रही संवैधानिक नाइंसाफी को समाप्त करेंगे जो कांग्रेस सरकार की देन है तो वह कर के दिखा देंगे ऐसी उम्मीद मोदी जी से मोर्चा नेताओं को है।
         

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