सावन महोत्सव में कैसे खेले जयबू सावन में कजरिया नृत्य पर झुमी महिलायें
पटना : सावन के झूलोंने मुझको बुलाया, मैं परदेशी घर वापस आया......कैसे खेले जयबू सावन में कजरिया, नन्ही नन्ही बुंदिया रे, मेहंदी से लिख गोरी हाथ पर मेरे.., सावन में बदरा उमड़-घुमड़ कर बरसे रे, अब तो घर आजा पिया मोर...आदि सावन के गीत हर महिलाओं के जुबान पर थी। रिमझिम बारिश के बीच महिलाएं सावन का आनंद ले रही थी। मौका था मां गायत्री बाल सांस्करशाला, पोस्टल पार्क संस्था परिसर में आयोजित सावन महोत्सव का। संस्था में धूमधाम के साथ सावन महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में महिला मण्डल की महिलाएं तथा छात्राओं ने हरे रंग की परिधान में नजर आई। सभी महिलाएं सावन के गीत व संगीत के साथ जमकर झूमी और एक से बढ़कर एक सावन के गीत गाई। साथ ही सभी ने एक दूसरे को मेहंदी रचाकर सावन का महत्व बताते हुए यह कहा कि यह प्रकृति संरक्षण का संदेश देती है। इस अवसर पर महिला मण्डल की श्वेता रश्मि, शुभम कुमार, गुंजा कुमारी, माया रानी, सविता अग्रवाल, सुमित्रा कुमारी, सुभद्रा कुमारी, सत्यवंती देवी, आशादी, राजनंदिनी कुमारी, स्वीटी कुमारी, शिखा कुमारी, आरती कुमारी, खुशी कुमारी, शीतल कुमारी, रिमझिम कुमारी, अंतरा कुमारी, सोना कुमारी,पूजा कुमारी के साथ-साथ कई छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।
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