अनकहे अल्फाज कविता संग्रह का लोकार्पण
स्थानीय पाटलिपुत्र जंक्शन के पास होटल आरेलिया पर्ल में सुनीता रंजन की कविता संग्रह अनकहेअल्फाज का लोकार्पण उद्घाटन समारोह पद्म विभूषण डॉक्टर सीपी ठाकुर ने की। मुख्य अतिथि बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल सुलभ थे।
उद्घाटन भाषण में डॉक्टर सीपी ठाकुर ने कहा की कविता लिखना काफी कठिन है,लेकिन महिला कवित्री बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अपनी कविता के माध्यम से लोगों को एक नई दिशा देने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा की कविता के स्वरूप से हमारा साहित्य तो समृद्ध होता ही है साथ ही कुछ उदगार व्यक्त करने की अभिव्यक्ति होती है। डा. अनिल सुलभ ने मुख्य अतिथि पर आसीन होने पर कहा कवित्री सुनीता रंजन अपनी प्रथम कविता संग्रह से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है या एक निष्ठवान कवित्री है,अनुभवों के साथ इनका कला पक्ष समृद्ध होता जाएगा । ऐसा हमें विश्वास है यह एक बधाई के पात्र है। साथ कला संस्कृत पुरुष और वरिष्ठ पत्रकार विश्वमोहन चौधरी" सन्त"ने कहा की सुनीता जी अपने कविता पाठ के माध्यम से मंचों पर अपनी अमित छाप छोड़ी है,साथ ही उन्होंने कई अवार्ड भी प्राप्त की है।
आरा से आई हुई प्रोफेसर डॉक्टर डॉक्टर रेनू मिश्रा, भाजपा कला संस्कृति मंच के प्रदेश संयोजक वरुण कुमार सिंह,कवित्री मीना कुमारी परिहार मान्य, अभिषेक, डा सीपी ठाकुर के बेटे दीपक ठाकुर और कई अन्य लोग उपस्थित होकर होकर अपना विचार व्यक्त किये।सभी अतिथियों ने एक साथ पुस्तक अनकहे अल्फाज का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर साहित्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किया गया, जिसमें सरस्वती वंदना के अलावा बच्चों ने वायलीन गाना और साथ ही कई कार्यक्रम फिल्मी, भाव गीत आदि गाए। जिसमें अरुण कुमार गौतम, अमितेश राज,आदर्श कुमार, आशुतोष मोदी, गुलशन कुमार आदि प्रमुख थे।
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