*सैकड़ो की संख्या में छात्र-युवाओं के साथ सफल रहा विधानसभा मार्च__आइसा!*
*शिक्षा माफियाओं के गिरफ्त में उच्च शिक्षा का पायदान_प्रीति।*
*देश में डबल इंजन की सरकार शोषितों-वंचितों को मेडिकल के क्षेत्र से बेदखल कर देना चाहती है__प्रसेनजीत।*
*NEET UG 2024 रद्द कर पुन: परीक्षा आयोजित करने व NTA समाप्त करने को लेकर किया गया बिहार आइसा का विधानसभा मार्च!*
*अग्निवीर योजना वापस लेने तथा बिहार में लाए गए नए आरक्षण प्रावधानों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित करे बिहार सरकार।*
बिहार आइसा का गांधी मैदान गेट न. 10 से जे.पी. गोलंबर तक ही पुलिस प्रशासन का बेरीगेट विधानसभा मार्च तक पहुंचने में रुकावट बनी यहां प्रशासन के द्वारा पांच साथियों का डेलिगेशन जिसमें राष्ट्रीय महासचिव काॅ. प्रसेनजीत कुमार, राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, उपाध्यक्ष सुशील कुमार व अजय कुमार, सह सचिव रौशन कुमार प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।
विधानसभा के मार्च का संचालन राज्य उपाध्यक्ष मयंक ने किया। राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नीट 2024 परीक्षा में धांधली और भ्रष्टाचार दिख रही है देश के विभिन्न परीक्षाएं जो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के कमान में है। उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था जैसे मेडिकल क्षेत्र में लापरवाही खुलेआम चल रही है बिहार से गुजरात तक नीट यूजी भ्रष्टाचार का मामला कई राज्य से तालुकात है जहां देखा जाए तो एक ही सेंटर के कई अभ्यर्थी टाॅप लिस्ट में शामिल है इनके 720 तक मार्क्स आया है जिसे नाॅर्मलाइजेशन के नाम पर शिक्षा का बाजारीकरण किया जा रहा है यह हर प्रयास में लगातार प्रतियोगिता परीक्षा में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का अनियमितता रही है। यहां मेडिकल क्षेत्र के छात्र-छात्राएं के डाॅक्टर बनने के लक्ष्य को सोचने से पहले ही केंद्र सरकार इनके भविष्य को कुचल रही है आर्थिक-सामाजिक स्थिति पर भी प्रभाव डाल रहा है।
आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति व राज्य सचिव सबीर ने कहा कि मोदी की सरकार 2014 में सपनों का सौदागर बनकर केंद्र की सत्ता में आई थी। इस सरकार ने अच्छे दिन, भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसी कई वादा किए थे लेकिन पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने के अपने वरीयता में इस सरकार ने जनविरोधी कार्य करना शुरू कर दिया जो बेरोजगारों का अधिकार छिनता जा रहा है, इसी क्रम में नीट 2024 परीक्षा घोटाला देश भर में छाया हुआ है सामन अभ्यर्थी का मनोबल गिरता जा रहा है वही सेना का मनोबल तोड़ने के लिए और नौजवानों के सपनों को खत्म कर आर्थिक रूप से विपन्न बनाने के लिए अग्निवीर योजना लाया गया। इस योजना ने युवाओं के मनोबल को तोड़ दिया। अब वे अपनी नौकरी को लेकर हमेशा असुरक्षा के बोध से घिरे रहते हैं। अग्निवीर के नाम पर इन्हें सेना की अनेक सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। मध्यम वर्ग के इन युवाओं के आर्थिक कमजोर होने के कारण स्मार्ट सिटी तो छोड़िए गांवों की स्थिति भी पूरी तरह खराब होने लगी है क्योंकि गांव के नौजवानों का एक बड़ा वर्ग देश सेवा के लिए छोटी उम्र से ही अपने को समर्पित कर देता है। केंद्र की मोदी सरकार ने हर क्षेत्र से रोजगार खत्म करके सैनिक बननेवाले इन देशभक्त युवाओं को भी नहीं छोड़ा है। इस सरकार ने देशभक्ति के नाम पर सबसे अधिक इस देश को नुकसान पहुंचाया है। आज हमारा देश हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है। क्योंकि इसने जो भी कहा उसके उल्टा किया। भ्रष्टाचार खत्म करने की जगह ये खुद ही आकंठ भ्रष्टाचार में डूब गई है। ऐसे जनविरोधी सरकार का हर मोर्चे पर पर्दाफास किया जाएगा।
विकास की धारा समाज के सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंचाने के लिए सामाजिक न्याय से जुड़ी राजनैतिक पार्टियों की देशभर में जातिगत जनगणना कराने की मांग दशकों पुरानी रही है। इसी मांग के अंतर्गत बिहार में पिछले गठबंधन की सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराई गई थी। इस जनगणना के आधार पर न केवल आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई थी बल्कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के विकास के लिए भी सरकार ने विशेष आर्थिक मदद उपलब्ध कराने की पहल की थी। इस कार्य के लागू होने के चंद दिनोें बाद ही सामाजिक न्याय की गठबंधन की सरकार खत्म हो गई। राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण को साजिश के तहत न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसपर न्यायालय ने रोक लगा दी। लेकिन राज्य की वर्तमान सरकार ने इसे बचाने के लिए तत्काल कोई भी कार्य नहीं किया ऐसे में यह कैसे विश्वास किया जा सकता है कि डबल इंजन की सरकार बिहार का विकास कर नौजवानों सहित समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
*जनसरोकार के हित में पूरे बिहार में होगी आइसा का रोषपूर्ण आंदोलन।*
बिहार आइसा का विधानसभा मार्च राज्य उपाध्यक्ष मयंक, नीरज, अनूप, प्रवीण राज्य सह सचिव दिव्यम, प्रिंस, मनीषा, दिपंकर आइसा के अन्य नेता सोनू फरनाज, दीपक यदुवंशी, विकास, रविरंजन, हेमंत, गौतम, शहाबुद्दीन, अमीर काफिर, अनिमेश, जानवी, दीपक, रूबी, ममता इत्यादि प्रमुख नेतागण मौजूद थे।
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