स्पाइनल कोर्ड की दुर्लभ समस्या से उबारकर पारस एचएमआरआई ने 16 साल के लड़के को दिया जीवनदान

स्पाइनल कोर्ड की दुर्लभ समस्या से उबारकर पारस एचएमआरआई ने 16 साल के लड़के को दिया जीवनदान


ब्रेन और स्पाइन को जोड़ने वाले जंक्शन में आ गयी थी विकृति

डायरेक्टर न्यूरोसर्जरी डॉ. अम्बुज कुमार की देखरेख में हुआ ऑपरेशन

पटना। 

गर्दन में एक बहुत ही गंभीर समस्या लेकर पारस एचएमआरआई पहुंचे गोपालगंज के एक 16 साल के लड़के को जीवनदान मिल गया। स्पाइनल कोर्ड की समस्या से वह बहुत पहले से परेशान था। पहले मामूली दर्द होता था मगर जब समस्या बढ़ने लगी तो उसके परिजन उसे पारस एचएमआरआई लेकर आए। इस समय तक वो चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ हो गया था।

पारस एचएमआरआई में जब उसकी जांच की गयी तो पता चला कि इसके सीवी जंक्शन (क्रेनियो वरटिब्रल जंक्शन) में हड्डी इधर-उधर हो गयी है। यह ब्रेन और स्पाइन को जोड़ने वाले जंक्शन में एक जन्मजात विकृति थी। ब्रेन और स्पाइनल कोर्ड जहां मिलते हैं वह जगह पूरी तरह से दबा हुआ था। डायरेक्टर न्यूरोसर्जरी डॉ. अम्बुज कुमार की देखरेख में उसका इलाज शुरू हुआ। डॉ. अम्बुज और उनकी टीम ने उसका ऑपरेशन शुरू किया। सर्जरी के दौरान जो हड्डी गलत जगह पर चली गयी थी, उसे ठीक किया गया। इसके बाद ब्रेन और स्पाइन के जंक्शन पर जो दबाव था वह पूरी तरह से हट गया। यह सर्जरी तीन घंटे तक चली। दो दिन के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गयी। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. अम्बुज कुमार के साथ न्यूरो सर्जन डॉ. मारुति नंदन और एनिस्थिया से डॉ. श्री नारायण और उनकी टीम शामिल थी। एक महीने बाद जब मरीज को रिव्यू के लिए बुलाया गया तो वह पूरी तरह से रिकवर हो चुका था। वह खुद से चलने फिरने लगा था। यह केस पहले सिनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी डॉ. अभिषेक के पास आया उन्होंने अच्छी तरह से डायग्नोसीस की इसके बाद डॉ. अम्बुज कुमार के पास भेजा।

डॉ. अम्बुज ने बताया कि यह काफी मुश्किल सर्जरी थी। इसमें रिस्क बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि शरीर का यह क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील होता है। इसमें किसी तरह की गलत छेड़छाड़ मरीज की सांस लेने की क्षमता को रोक सकता है और उसकी मृत्यु का कारण भी बन सकता है। बहुत कम अस्पतालों में यह सर्जरी होती है।

पारस एचएमआरआई के न्यूरो सर्जन द्वारा किए गए इस सर्जरी के लिए फैसिलिटी डायरेक्टर अनिल कुमार ने सभी चिकित्सकों को बधाई दी और कहा कि हमारा पहला उद्देश्य है कि गंभीर रोग के इलाज के लिए भी राज्य के लोगों को दूसरे राज्य में ना जाना पड़े। पारस एचएमआरआई इस दिशा में वर्षों से काम कर रहा है और यह अनवरत जारी रहेगा। इस तरह की सर्जरी के लिए जरूरी सभी तकनीकी उपकरण एंव विशेषज्ञ डॉक्टरों की पूरी टीम पारस एचएमआरआई में उपलब्ध हैं।

पारस एचएमआरआई के बारे में 

पारस एचएमआरआई, पटना बिहार में 2013 से कार्यरत है। पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है।

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