मां एक शब्द ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा संसार ही मां के चरणों में हैं आलोक चोपड़ा
पटना सिटी
मां एक शब्द ही नहीं बल्कि पूरा संसार ही मन के चरणों में यह बातें मातृ दिवस समारोह पर रंगकर्मी प्रेम चोपड़ा ने कही।
मातृ दिवस एक साधारण प्रेम का जश्न मनाने का समय है जिसकी कोई सीमा नहीं मां का प्यार यह दिन हमारी पहचान को आकार देने हमारे सपनों को घोषित करने तथा लचीलेपन के मूल्यों को स्थापित करने में माता के गहन प्रभाव को दर्शाता है बच्चों को खुशी के लिए मां अपने पूर्ण जीवन समर्पित कर देती है मां बच्चों की पहली गुरु व दोस्त होती है मां के इसी समर्पण के प्रति आभार प्रकट करते हुए के लिए आज रविवार के दिन या मातृ दिवस मनाया जाता है। मां की अटूट भक्ति परमेश्वर प्रेम पारिवारिक जीवन की आधारशिला के रूप में कार्य करती है और संबंध बनाते हैं जो की कई पीडियो तक चलते रहते हैं इन्हीं संस्कारों को ध्यान में रखते हुए आज सरगम कला केंद्र द्वारा पटना सिटी के महिलाओं और पुरुषों के बीच एक धमाकेदार कार्यक्रम रखा गया जिसकी संख्या बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन बहुत काम भी नहीं था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत पुरुष वरिष्ठ पत्रकार विश्व मोहन चौधरी संत ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत ओम ध्वनि व गायत्री मंत्र के साथ की गई उसके बाद बहुत सी मनभावन एक्टिविटीज किए गए।
आगंतुक युवकों ने मनोरंजन कविताओं से किया। बच्चों के हर दर्द तकलीफ में मां साथ देती है, डांट लगाती है कभी मुस्कुराती है, उदास होने पर भी हंसती है मां, रूठ कर भी प्यार जताती है और अलग से ही मानवता की 16 कलाओं से परिपूर्ण मां के रूप में रूप को आने को प्रकाश के नृत्य गायन बा भारतीय संस्कृति का संरक्षण संवर्धन हेतु विभिन्न रूपों में बहुत ही खुशनुमा माहौल बनाकर आनंद भी उठाया गया। यह कार्यक्रम सेव वाटर से पॉल्यूशन प्लास्टिक प्लास्टिक मुक्त यदि के बारे में भी बहुत कुछ समझाया गया और अंत में सब खुशी के साथ अपने-अपने लोग घर वापस गए। उससे पहले की सभी को चाय नाश्ता स्विच थिस कोल्ड ड्रिंक जाति के साथ पार्टी इंजॉय किया गया ऐसा ही आज का दिन सभी के मातृ दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए जिन कलाकारों ने भाग लिया उसमें रंजीत सिंह, भोला राय तूफानी, अलीजा बानो, मनोज कुमार, विनोद पंडित और विश्व मोहन चौधरी संत यदि प्रमुख थे। धन्यवाद ज्ञापन संतोष जी ने किया। सभी भाग लेने वालों को पुरस्कृत भी किया गया।
0 Response to " मां एक शब्द ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा संसार ही मां के चरणों में हैं आलोक चोपड़ा"
एक टिप्पणी भेजें