यूरोलॉजी में न्यूक्लियर मेडिसिन की उपयोगिता पर पारस एचएमआरआई में सीएमई का आयोजन

यूरोलॉजी में न्यूक्लियर मेडिसिन की उपयोगिता पर पारस एचएमआरआई में सीएमई का आयोजन

 

रेडियोन्यूक्लाइड्स इन करेंट यूरोलॉजी प्रैक्टिस विषय पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने की चर्चा

आधुनिक तकनीकों ने न्यूक्लियर मेडिसिन को और उपयोगी बनाया

पटना। 

इंडियन कॉलेज ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन (आईसीएनएम) और बिहार यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में पारस एचएमआरआई, पटना में शनिवार को रेडियोन्यूक्लाइड्स इन करेंट यूरोलॉजी प्रैक्टिस विषय पर एक सीएमई का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के न्यूक्लियर मेडिसन के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। सीएमई में यूरोलॉजी में न्यूक्लियर मेडिसिन के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की गयी। डॉक्टरों ने कहा कि न्यूक्लियर मेडिसिन का यूरोलॉजी में अहम योगदान है। विशेषकर बच्चों में जन्मजात बीमारी जिसमें किडनी का काम प्रभावित होता है, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी का कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर जैसे कई गंभीर बीमारियों की पड़ताल और इसके इलाज में न्यूक्लियर मेडिसिन काफी उपयोगी साबित हो रहा है। कार्यक्रम में पारस एचएमआरआई पटना के डाइरेक्टर जनरल सर्जरी डॉ. एए हई और इंडियन कॉलेज ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन के डीन डॉ. भगवंत राय मित्तल भी शामिल रहे। 

पारस एचएमआरआई के सीनियर कंसल्टेंट न्यूक्लियर मेडिसिन और आयोजन सचिव डॉ. चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि ऐसे कैंसर जो हड्डी में, फेफड़े में, लिवर में या लिम्फ नोड में फैल सकते हैं उसकी पड़ताल के लिए पेट स्कैन बहुत ही कारगर साबित होता है। विशेषकर प्रोस्टेट कैंसर कि स्थिति में जब कैंसर हड्डियों में फैल जाता है, उसकी जांच और इलाज में पीएसएमए पेट-सीटी (PET-CT) और थैरेपी एक आधुनिक तकनीक है। इन नई और आधुनिक तकनीकों ने न्यूक्लियर मेडिसिन को और उपयोगी बना दिया है। 

अपने संबोधन में पारस हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अपूर्व चौधरी ने बताया कि किडनी के कैंसर में किन स्थितियों में 'पेट-सीटी टेस्ट' (PET-CT) का उपयोग किया जा सकता है। 

इस दौरान पारस एचएमआरआई के मेडिकल सुप्रिटेंडेट डॉ. आसिफ परवेज ने बताया कि रेडियोन्यूक्लाइड्स यूरोलॉजी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका उपयोग जांच और उपचार दोनों के लिए किया जा सकता है। न्यूक्लियर मेडिसिन की सभी सुविधाएं पारस एचएमआरआई में उपलब्ध हैं। 


सीएमई में आईजीआईएमएस पटना के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश तिवारी ने न्यूक्लियर मेडिसिन  इन यूरोलॉजी पर अपनी बात रखी। महावीर कैंसर संस्थान के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रविश्वर नारायण ने कोर्टिकल साइंटिग्राफी एंड डीआरसीजी विषय पर चर्चा की। पीजीआईएमईआर चंडिगढ़ के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बीआर मित्तल ने डियुरेटिक रेनोग्राफी विषय पर व्याख्यान दिया। एम्स भुवनेश्वर के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कन्हैया अग्रवाल ने रेडियोन्यूक्लाइड इमेजिंग इन रिनल सेल कार्सिनोमा विषय पर अपना संबोधन दिया। एम्स पटना के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कमलेश गुंजन ने इम्पैक्ट ऑफ पीएसएमए-पेट इन प्रोस्टेट कार्सिनोमा क्लिनिकल डिसीजन मेकिंग विषय पर चर्चा की। आईपीजीएमईआर/एसएसकेएम हॉस्पिटल कोलकाता के डॉ.  धृतिमान चक्रवर्ती ने पीएसएमए पेट-सीटी विषय पर चर्चा की। एम्स दिल्ली के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. शमिम अहमद शमिम ने पीएसएमए थेरेपी-बियोन्ड एफडीए अप्रूव्ड इंडिकेशन विषय पर अपनी बात रखी।

पारस एचएमआरआई के बारे में 

पारस एचएमआरआई, पटना बिहार में 2013 से कार्यरत है। पारस एचएमआरआई में एक ही स्थान पर सभी चिकित्सा सुविधाएं हैं। हमारे पास एक आपातकालीन सुविधा, तृतीयक और चतुर्धातुक देखभाल, उच्च योग्य और अनुभवी डॉक्टरों के साथ चिकित्सा केंद्र है। पारस इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर बिहार में अपनी विशेषज्ञता, बुनियादी ढांचे और कैंसर देखभाल प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है।

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