
*किसानों के साथ ही गरीब दुकानदारों पर भी अत्याचार। हरियाणा बॉर्डर से बिहार के पालीगंज तक बुलडोजर का विस्तार*
*अमित शाह के सभा के लिए लहलहाते गेहूं के फसल को रौंदना किसानों के प्रति भाजपा सरकार के रुख को दर्शाता है*
पटना , 7 फरवरी 2024
विदित हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पटना जिला के पालीगंज में 9 फरवरी 2024 को सभा होने वाला है। इस सभा के लिए पालीगंज गांधी मैदान को नही चुन कर पालीगंज स्थित कृषि फार्म के खेतों को चुना गया है जिसमें गेहूं के लहलहाते फसल लगे हुए हैं इसे रौंद कर मैदान बनाया जा रहा है ।यह कार्यवायी भाजपा के किसान व खेत मजदूरों के प्रति नकारात्मक रुख को दर्शाता है ये बातें अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार राज्य सचिव उमेश सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए कहा ।
उन्होंने पालीगंज से पटना लौटने के बाद बताया कि अमित शाह की सभा के लिय न सिर्फ गेहूं के लहलहाते फसल को रौंदा गया है बल्कि सड़क के किनारे वर्षो वर्ष से दुकान लगा कर गरीब अपने जीविका उपार्जन में लगे थे उन्हें भी उजाड़ दिया गया ,यह बहुत ही शर्मनाक और गरीब विरोधी हरकत है इसे जनता बर्दास्त नही करेगी । यही जनता जिन्हें सभा के लिय उजड़ा जा रहा है यही वोट दे कर सरकार बनाते हैं ।ये अपने ऊपर हो रहे दमन का बदला 2024 के संसदीय चुनाव में भाजपा को सबक सिखा कर लेंगे ।पालीगंज में कई दुकानदारों से एवं स्थानीय लोगों से बातचीत हुई। गरीबों ने कहा कि हम वर्षों से अपनी दुकान लगाकर जीवको पार्जन कर रहे सैकरों गरीबों के गुमटी और दुकानों को गृह मंत्री के सभा की आर में उजाड़ दिया गया है।भाजपा सरकार के इस गरीब विरोधी हरकत का हम बदला जरूर लेंगे।
विदित हो कि पूर्व में इसी फॉर्म के मैदान में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के भी सभा हो चुकी है, तब न तो फसल रौंदा गया था और न ही गरीबों दुकानदारों के साथ ऐसा अत्याचार हुआ था।
उमेश सिंह ने कहा कि मोदी जी किसानों के साथ किए गए समझौते को लागू नहीं कर रहे हैं और ना उपज का उचित दाम दे रहे हैं. उल्टे कृषि फार्म में लहलहाते हरे गेहूं के फसल की सरकारी स्तर पर बर्बादी की यह घटना कुपोषण और खाद्य संकट को बढ़ाने वाला राष्ट्र विरोधी व जन विरोधी हरकत है।
उन्होंने कहा कि कृषि फार्म में उत्पादित होने वाले अन्न एवं अपने परिवार के लिए दुकान गुमटी के द्वारा जीविकोपार्जन के लिए जुगाड़ कर रहे सैकड़ो गरीबों को भूखो मारने की यह साजिश मोदी शाह के लिए महंगा पड़ेगा ।
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