![विश्व के पहले प्रीपेड टिकट "कॉपर टिकट" के 250 वर्ष पूरे होने के उपनाव में आज दिनांक 28.03.2024 को सर्किल कार्यालय के सभागार कक्ष में एक प्रेस वार्ता का आयोजन विश्व के पहले प्रीपेड टिकट "कॉपर टिकट" के 250 वर्ष पूरे होने के उपनाव में आज दिनांक 28.03.2024 को सर्किल कार्यालय के सभागार कक्ष में एक प्रेस वार्ता का आयोजन](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgD7KA_ZpuHbNFxb7_DcP7uK7VBe8toGthpqPeFlPeWh0wt4sCh8IRBMR4rm7gLgZqUrOv-1Y2hWlw60Iy-W8Iy8SInmalP0VgFkohizIDeusIyMdAiQQWRFPNfb-LM2FDcoHbpVVy3URpATWukxcL65w4gGXw6tki_Sf-XtIqKyGWKHAFeFdUGCw6dWSE/s320/IMG-20240328-WA0038.jpg)
विश्व के पहले प्रीपेड टिकट "कॉपर टिकट" के 250 वर्ष पूरे होने के उपनाव में आज दिनांक 28.03.2024 को सर्किल कार्यालय के सभागार कक्ष में एक प्रेस वार्ता का आयोजन
श्री अनिल कुमार ने आगे कहा कि, 250 साल पहले पटना (अज़ीमाबाद) में जारी "कॉपर टिक्ट" डाक सेवाओं के क्षेत्र में एक अग्रणी पहल थी। बढ़िया तांबे से निर्मित, इस डाक टोकन ने मेल भेजने की प्रक्रिया में कांति ला दी, जिससे संचार में एक नए युग की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत ने दुनिया भर में आधुनिक डाक प्रणालियों की नींव रखी। उन्होंने बताया कि डाक टिकट विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीड़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी हैं। जब आप किसी डाक टिकट को जारी करते हैं, और जब कोई इसे किसी को भेजता है तो वह सिर्फ पत्र या सामान नहीं भेजता। वो सहज रूप से इतिहास के किसी अंश को भी दूसरे तक पहुंचाता है।
श्री कुमार ने आगे कहा कि इस ऐतिहासिक सफर के सम्मान में, डाक विभाग, बिहार सर्कल, पटना, 31 मार्च, 2024 को पटना जीपीओ में एक भव्य डाक टिकट प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा। इस प्रदर्शनी में दुर्लभ डाक टिकटों, ऐतिहासिक कलाकृतियों और पिछली ढाई शताब्दियों में डाक प्रणालियों के विकास पर प्रकाश डालने वाले आकर्षक प्रदर्शनी प्रदर्शित किए जाएंगे। आगंतुकों को "कॉपर टिकट" की आकर्षक यात्रा और वैश्विक संचार नेटवर्क पर इसके स्थायी प्रभाव का पता लगाने का अवसर मिलेगा।
इसके अतिरिक्त, 31 मार्च, 2024 को, इस महत्वपूर्ण अवसर की स्मृति में प्रतिष्ठित "कॉपर टिकट" पर एक विशेष कवर जारी किया जाएगा। इस विशेष आवरण का विमोचन दुनिया के पहले डाक टिकट से जुड़े समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को संजोने में डाक विभाग बिहार की महत्वपूर्ण पहल है।
श्री अनिल कुमार, मुख्य डाक महाध्यक्ष, बिहार परिमंडल, पटना ने आगे यह भी कहा कि "हमें डाक टिकट संग्रह के क्षेत्र में नवाचार और प्रगति के प्रतीक 'कॉपर टिकट' की 250 वर्ष पूरे होने पर विशेष आयोजनों के माध्यम से इस अवसर को मनाते हुए खुशी हो रही है। आगामी डाक टिकट प्रदर्शनी और विशेष कबर का विमोचन इस ऐतिहासिक कलाकृति और इसके स्थायी महत्व के प्रति हमारी समर्पण है।"
हम प्रेस के सदस्यों को विश्व के पहले डाक टिकट, "कॉपर टिकट" की उल्लेखनीय यात्रा को मनाने में भाग लेने और हमारे साथ शामिल होने के लिए हार्दिक रूप से आमंत्रित करते हैं। आइए हम सब मिलकर इसकी विरासत का सम्मान करें और डाक नवाचार के 250 वर्षों का जश्न मनाएं।
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