युवाओं के भविष्य को ताक पर रख कर उठाएंगे रोजगार का मुद्दा, किसान संगठनों का भारत बंद के दिन हीं CBSE बोर्ड की परीक्षा

युवाओं के भविष्य को ताक पर रख कर उठाएंगे रोजगार का मुद्दा, किसान संगठनों का भारत बंद के दिन हीं CBSE बोर्ड की परीक्षा

*भारत बंद के दिन CBSE परीक्षा से पेशोपेश में अभिभावक, किसान संगठनों से 16 फरवरी के बंद की रद्द करने की अपील*



भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आगामी 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान कर के देश के लाखों छात्रों को पेशोपेश में डाल दिया  है।

गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होने जा रही है। इस परीक्षा के लिए शनिवार से एडमिट कार्ड भी स्कूल से जारी किए जा रहे है। परीक्षाओं का समय सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। भारत बंद की घोषणा से छात्र और अभिभावक काफी परेशान हो गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान में संयुक्त किसान मोर्चा के साथ और भी बहुत सारे संगठन हैं। संगठनों ने आह्वाहन किया हैं कि किसान 16 फरवरी को खेत में काम न करें। दुकानों को भी बंद रखने का अनुरोध किया गया है। है।

बंद के मुद्दों में बेरोजगारी सरीखे युवाओं के भी मुद्दे शामिल रखे गए हैं, तो क्या संगठनों को भावी पीढ़ी की परीक्षा को ध्यान में रखना आवश्यक नहीं था ?

संगठनों ने ट्रांसपोर्टर्स और निजी वाहनों से भी एक दिन के लिए बंद रखने की अपील की है, जिससे वैसे छात्र जो पूरी तरह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं उन्हें विकराल समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उधर सीबीएसई ने भी परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे में छात्र और अभिभावक भारत बंद और महत्वपूर्ण परीक्षा के बीच में पीस रहे हैं। अभिभावकों ने किसान संगठनों से तय तिथि को बंद रद्द करने की अपील की है।

इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए किसान संगठनों को विरोध का तरीका बदलने या भारत बंद की तय तिथि पर विचार करना नितांत आवश्यक है। किसान संगठनों को यह समझना होगा कि बच्चों की परीक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमे किसानों के बच्चे भी शामिल हो रहे होंगे।


मधुप मणि "पिक्कू"

पत्रकार एवं शिक्षाविद


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