*अभिव्यक्ति का सुंदर और सशक्त माध्यम है रंगमंच, आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध : हरजोत कौर*

*अभिव्यक्ति का सुंदर और सशक्त माध्यम है रंगमंच, आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध : हरजोत कौर*


भारतीय रंग महोत्सव के रजत जयंती का आयोजन बिहार में हुआ शुभारंभ


पटना 14 फरवरी 2024

आज कालिदास रंगालय में  राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली  के द्वारा कला संस्कृति एव युवा विभाग, बिहार सरकार के सहयोग से भारत रंग महोत्सव ,2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर, विशिष्ट अतिथि, बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी श्री त्रिपुरारी शरण, वरिष्ठ साहित्यकार श्री ऋषिकेश सुलभ, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के फैकल्टी श्री आसिफ अली हैदर खान  एंव भारत रंग महोत्सव के संयोजक श्री रणधीर कुमार एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर किया गया ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती हरजोत कौर ने कहा कि रंगमंच बहुत सी चीजों को बहुत ही अच्छे ढंग से पेश करता है जिसको देखकर समाज की सामाजिक चेतना पर काफी सकारात्मक  असर होता है और शायद इसकी यही खासियत हैl

श्रीमती कौर ने कहा कि

अभिव्यक्ति के लिए रंगमंच है और इसको हमेशा आगे बढ़ाने के लिए बिहार सरकार दृढ़ संकल्प है। कालिदास रंगालय की  स्थिति को बेहतर करने के लिए कला, संस्कृति और युवा विभाग ने नए रूप से इसके   कंस्ट्रक्शन के लिए 7:50 करोड़ रुपए की राशि  सैंक्शन कर दी गई है। पुनर्निमाण के बाद कालिदास रंगलाल एक तरह फिर अपने नए भव्य स्वरूप में तैयार होगा।

नुक्कड़ नाटकों का भी एक मंच होना चाहिए और उसके लिए भी इसी तरह का एक महोत्सव होना चाहिए जिसमें नए लोगों को  मौके मिले ताकि हम लोगों की जो युवा पीढ़ी है वह भी रंगमंच के विभिन्न आयामों से जुड़े और नए-नए नाटकों को लेकर आए ।

नाटक जैसा कहते हैं कि समाज का दर्पण होता है तो  बहुत सी कहानियां जो आज के साहित्यकार है जो आज की कहानी लिख रहे हैं उनका भी  रूपांतरण हो क्योंकि आज जो कहानी लिखी जा रही है  आज की युवा पीढ़ी के साथ ज्यादा क्लिक करेंगी।

वरिष्ठ साहित्यकार और नाटककार  ऋषिकेश सुलभ ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की  कला और रंगमंच की विधा का अंत्यंत पुराना और समृद्ध इतिहास रहा है। यहां तक की अगर आप शोध करेंगे तो पाएंगे कि आसाम तक की कुछ विधाओं में यहां के रंगमंच का प्रतिबिंब दिखती हैं।

कार्यक्रमों को विशिष्ट अतिथि और  बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त एवं वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी श्री त्रिपुरारी शरण ने भारतीय नाट्य संस्थान को इस कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं देते हुआ कहा कि मेरे लिए ये उल्लास का विषय है की में 5 सालों तक एन एस डी के शासी निकाय से जुड़ा रहा हूं ।

धन्यवाद ज्ञापन भारत रंग महोत्सव के पटना के समन्वयक श्री रणधीर कुमार ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन सोमा चक्रवती ने किया। उद्घाटन सत्र के बाद प्रसिद्ध  लेखिका तहमीना दुर्रानी की।उपन्यास ब्लासफेमी से प्रेरित नाटक दोज़ख़ का मंचन किया गया। इसका निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी, निर्देशिका  साजिदा साजी एव उनकी टीम के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में बिहार के रंगकर्मी, लेखक, साहित्यकारों, विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों सही लगभग 400 दर्शकों ने हिस्सा लिया।

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