दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन नाटक कातिल खेत की हुई प्रस्तुति
पटना: सांस्कृतिक संस्था लोक पंच द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से 4 दिवसीय दशरथ मांझी नाट्य महोत्सव, छखूबीघा, दाउदनगर के दूसरे दिन दो नाटकों की प्रस्तुति हुई। लोक पंच, पटना द्वारा सतीश कुमार मिश्र के लेखन एवं मनीष महिवाल के निर्देशन में नाटक
"त हम कुंवारे रहे?" की प्रस्तुति हुई। "तऽ हम कुंवारे रहे?" नाटक सतीश कुमार मिश्र लिखित एक खालिस व्यंग्य नाटक है। नाटक में एक बुद्ध दिव्यांग पात्र है जो शादी के लिए पागल है, यहाँ तक कि वो बुद्ध अपनी मौसी, बुआ, ताई, माँ और सब्ज़ी- भाजीवाली से भी शादी करने को तैयार है, पर पिता की जिद है कि वो बिना मोटा दहेज लिए उसकी शादी नहीं कराएँगे। उसे अपने बड़े भाई की पत्नी को लाने के लिए ससुराल भेजा जाता है। इस नाटक में डा. विवेक ओझा, कृष्णा यादव, रजनीश पांडे, रोहित कुमार, राजू कुमार, कुमार मानव, कृष्ण यादव,अरबिंद कुमार तथा अभिषेक कुमार ने नाटक में अपने अहम भूमिका निभाई। दूसरा नाटक लोक पंच, पटना द्वारा इश्त्याक अहमद द्वारा लिखित एवं मनीष महिवाल द्वारा निर्देशन नाटक "कातिल खेत का मंचन हुआ। नाटक "क़ातिल खेत" जैविक खेती पर आधारित है, नाटक के माध्यम से दिखाया गया है कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है, थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है। इस नाटक में मनीष महिवाल, सोनल कुमारी, डॉ विवेक ओझा, कृष्ण देव, अरबिंद कुमार, अभिषेक
एवम राम प्रवेश ने नाटक के जरिए लोगों का खूब मनोरंजन किया। इसके अलावा रंग समूह, पटना द्वारा कुमार उदय सिंह, सुमित एवं दल द्वारा बिहार के लोक नृत्यों की प्रस्तुति की गयी।
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