नया इतिहास रचेंगे विश्वकर्मा के पांचों पुत्र : मुकुल आनंद

नया इतिहास रचेंगे विश्वकर्मा के पांचों पुत्र : मुकुल आनंद


सहरसा : जिला स्थित सुपर मार्केट के कला भवन सभागार में भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की एक दिवसीय जिला सम्मेलन संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासंघ के डॉक्टर रघुनन्दन शर्मा तथा संचालन रामफल पंडित ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वकर्मा समाज के इष्टदेव भगवान विश्वकर्मा के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन कर किया गया। भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा कि आज विश्वकर्मा समाज के बुनियादी मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है। विश्वकर्मा समाज के नौजवानों को अब नौकरी और रोजगार चाहिए। विश्वकर्मा समाज के युवा डॉक्टर, इंजीनियर और आईएएस बनना चाहते हैं। समाज के लोग जब तक एमपी,एमएलए नहीं बनेंगे तब तक विश्वकर्मा समाज के अधिकार का हनन होते रहेगा। सरकार में भागीदारी से ही समाज के विकास का रास्ता खुलता है। आनंद ने कहा जिसकी 2 प्रतिशत आबादी है उन्हें सत्ता में आजादी से लेकर अब तक सम्मान मिल रहा है। जबकि हम विश्वकर्मा वंशज सोनार,लोहार,कुम्हार,कसेरा, ठठेरा बढ़ई किसी का भेदभाव नहीं करते है सबका सम्मान करते है और इन सभी विश्वकर्मा वंशियो की आबादी 10 से 12 प्रतिशत है फिर भी सत्ता से वंचित है। अब विश्वकर्मा समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। राजनीतिक भागीदारी नहीं अब सत्ता का संघर्ष होगा। वही मौके पर सुजाता शर्मा ने समाज की एकता पर बल देते हुए कहा किसी भी समाज की शक्ति उस समाज की संगठन पर निर्भर करती है। युवाओं एवं महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा मिलर हाई स्कूल के मैदान में भागीदारी सुनिश्चित कराने की प्राथमिकता बनाए। सहरसा जिला अध्यक्ष रघुनन्दन शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज आजादी से अब तक सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक हर क्षेत्र में उपेक्षित है। एक संगठित समाज ही परिवर्तन और विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। सभी लोगों से अपील करता हूँ की भारतीय विश्वकर्मा महासंघ से जुड़कर पटना में होने वाली विश्वकर्मा अधिकार रैली में भाग लें। सम्मेलन में रामवतार पंडित, पप्पू  स्वर्णकार विश्वकर्मा, रिंकू शर्मा, डॉ. रवीन्द्र कुमार शर्मा, मीना शर्मा, सुधीर शर्मा, सुपौल जिलाध्यक्ष संजय शर्मा, राज शर्मा, डॉ. अंजेश मनी, विजय शर्मा , श्यामल शर्मा, वेदानन्द शर्मा, नरेश शर्मा, पंकज शर्मा, प्रणव शर्मा आदि वक्ताओं ने भी अपने - अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में हजारों लोगों की उपस्थिति रही।

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